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प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था बदहाली का शिकार: तौसीफ़ मदिकेरी

लखनऊ। “किसी भी देश या समाज का विकास उसकी शिक्षा व्यवस्था में निहित होता है। शिक्षा व्यवस्था यदि समानता, गुणवत्ता एवं नैतिक मूल्यों पर आधारित हो तो वह देश अथवा समाज विकास के पथ पर निरंतर अग्रसर होता चल जाता है। उत्तर प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था बदहाली का शिकार हो चुकी है।” 

उक्त विचार तौसीफ़ अहमद मदिकेरी (राष्ट्रीय सचिव, एसआईओ ऑफ इंडिया) ने आज यूपी प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस वार्ता में अपने सम्बोधन में व्यक्त किए। उन्होंने आगे कहा कि उत्तर प्रदेश में शैक्षणिक गुणवत्ता का पूरी तरह से अभाव है। सरकार द्वारा चलाए जा रहे प्राथमिक विद्यालयों की आज स्थिति यह है कि एएसईआर की रिपोर्ट के अनुसार कक्षा 5 का विद्यार्थी कक्षा 2 की पाठ्यपुस्तक नहीं पढ़ पाता है। मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा अधिनियम (आरटीई) का सही प्रकार से क्रियान्वयन नहीं हो रहा है। उच्च शिक्षा में भी राज्य स्तर पर पाठ्यक्रम का तीन वर्षों में संशोधन न होने के कारण शैक्षणिक दक्षता का अभाव पाया जाता है। SIO इन्ही मुद्दों को लेकर नॉर्थ इंडिया में शिक्षा के क्षेत्र मे पायी जाने वाली समस्याओं के समाधान के लिये तथा इसे भ्रष्टाचार से मुक्त करने के लिये पूरे नॉर्थ इंडिया मे निरंतर संघर्ष कर रहा है।  संगठन का यह मानना है कि आज़ादी के 66 साल बाद भी देश मे शिक्षा सर्वसुलभ नहीं हो सकी है तथा ऐसे क्षेत्र पाये जाते हैं जहां लोग शिक्षा से दूर हैं और भारी संख्या मे अशिक्षित हैं तथा अपने अधिकार और कर्तव्य ना जानने के कारण विभिन्न समस्याओं से जूझ रहे हैं। सच्चर कमेटी के अनुसार देश के दलित, मुस्लिम तथा आदिवासी आज भी शैक्षिक, राजनैतिक और आर्थिक रूप से पिछड़े हुए हैं। दिन-प्रतिदिन महंगी होती शिक्षा ने इन वर्गों के मनोबल को और भी कमज़ोर कर दिया है।  SIO  इस आंदोलन के माध्यम से ऐसे सभी मुद्दों को उठाने तथा इन के हल के लिये संघर्ष कर रही है। इस आंदोलन के अंतर्गत 23 अप्रैल 2016 को राजधानी लखनऊ में गांधी प्रतिमा, हज़रतगंज में ‘शिक्षा पंचायत’ का आयोजन किया जा रहा है। 

एसआईओ यूपी सेंट्रल के अध्यक्ष तय्यब अहमद ने अपने सम्बोधन में कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार राज्य स्तरीय विश्वविद्यालयों में मदरसा शिक्षा प्राप्त छात्रों के लिए अलीगढ़ मुस्लिम विवि के पैटर्न पर प्रवेश का बंदोबस्त करे ताकि मदरसा छात्रों भी आधुनिक शिक्षा के द्वारा अपना भविष्य संवार सकें। सच्चर कमेटी की सिफ़ारिशात के अनुसार राज्य सरकार अपने वादे को निभाते हुए मुस्लिम बाहुल्य जिलों में प्रत्येक स्तर पर अल्पसंख्यक संस्थान विकसित करे ताकि हाशिये पर मौजूद समुदाय जैसे मुस्लिम, दलित एवं पिछड़े वर्ग के लोग शिक्षा के क्षेत्र में तरक़्क़ी कर सकें।

इसके अलावा अबूबकर सब्बाक़ (नेशनल को-ऑर्डिनेटर, एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स) तथा मुहम्मद आरिफ़ (सचिव, एसआईओ यूपी सेंट्रल) ने भी संबोधित किया।

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