लखनऊ। देवबंदियों का सबसे बड़े मदरसा दारुल उलूम की पहली शाखा बाराबंकी के सतरिख कस्बे में खोलने की तैयारी है। इसका एलान 21 अप्रैल को सतरिख में होने जा रहे एक भव्य कार्यक्रम में होने जा रहा है। कार्यक्रम में देशभर से देवबंदी उलमा का जमावड़ा होगा। मदरसे के लिए 44 बीघे जमीन में एक शानदार इमारत तामीर करने की तैयारी है।

सहारनपुर स्थित मदरसा दारुल उलूम देवबंद, देवबंदियों का सबसे बड़ा शिक्षण संस्थान है। आयोजकों के अनुसार इस मदरसे की देश में दूसरी शाखा नहीं है। पहली शाखा खोलने के लिए सतरिख में चल रहे मदरसा अनवारुल कुरान को ही देवबंद की शाखा में तब्दील किया जाएगा। इस कार्यक्रम में सम्मिलित होने के लिए जमीयत उलेमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष हजरत मौलाना सैयद अरशद मदनी यहां पहुंच रहे हैं। उनके साथ दारुल उलूम देवबंद के मोहतमिम हजरत मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी, रुक्नेशूरा मौलाना अब्दुल अलीम फारुकी, मौलाना अनवारुल रहमान, नायब मोहतमिम मौलाना अब्दुल खालिक मद्रासी, मौलाना मुफ्ती मोहम्मद राशिद भी होंगे। कार्यक्रम की शुरुआत मगरिब की नमाज के बाद होगी।

इस कार्यक्रम में एक लाख से अधिक उलमा के आने की संभावना है, जिसके कारण व्यापक इंतजाम किए जा रहे हैं। प्रशासन भी व्यवस्था संभालने व अन्य तैयारियों में आयोजकों के साथ जुटा हुआ है। कार्यक्रम के आयोजक तारिक किदवई ने बताया कि दारुल उलूम देवबंद की देशभर में कोई शाखा नहीं है। देवबंद अपनी पहली शाखा यहां खोलने जा रहा है। इस शाखा में भी दारुल उलूम देवबंद जैसी व्यवस्था होगी। इससे न केवल बाराबंकी बल्कि पूर्वी उत्तर प्रदेश के मुसलमानों को भी अच्छा शिक्षण संस्थान मिल सकेगा।