नई दिल्ली: मोदी सरकार ने पिछली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार द्वारा शुरू किए गए राजीव गांधी खेल अभियान को खेलो इंडिया अभियान में विलय कर दिया है। इसके साथ ही दो अन्य खेल अभियान को भी खेलो इंडिया में विलय कर दिया गया है।

सरकार ने ‘राजीव गांधी खेल अभियान योजना’ का नाम अब बदलकर ‘खेलो इंडिया’ कर दिया है। केंद्रीय खेल मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने बुधवार को कहा कि ‘राजीव गांधी खेल अभियान योजना’ का नाम अब बदलकर ‘खेलो इंडिया’ कर दिया गया है।

राजीव गांधी खेल अभियान योजना को पिछली यूपीए सरकार ने शुरू किया था। लेकिन इस योजना को मौजूदा सरकार ने बदलकर खेलो इंडिया किया है और इसमें से पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का नाम हटा दिया है। सरकार के इस फैसले पर विपक्षी कांग्रेस ने जहां गहरी नाराजगी जताई है लेकिन सोनोवाल का कहना है कि इसका राजनीति से कोई लेना देना नहीं है। इस फैसले का उद्देश्य देश में प्रतिस्पर्धात्मक माहौल पैदा करना है।

कांग्रेस के नेतृत्व वाली पिछली यूपीए सरकार ने राजीव गांधी खेल अभियान योजना को फरवरी 2014 में पंचायत युवा क्रीड़ा और खेल अभियान की जगह शुरू किया था। पिछली सरकार के कार्यकाल में शुरू की गई दो अन्य खेल परियोजनाओं शहरी खेल आधारभूत ढांचा योजना और राष्ट्रीय खेल प्रतिभा खोज योजना का भी खेल इंडिया में विलय कर दिया गया है।