अप्रैल से कम देना होगा बिजली का बिल, ख़त्म हुआ दोहरा  रेग्युलेटरी सरचार्ज

यूपी में बिजली उपभोक्ताओं के लिए एक अच्छी खबर है क्योंकि प्रदेश के डेढ़ करोड़ से ज्यादा शहरी बिजली उपभोक्ताओं को अप्रैल महीने का बिजली बिल कम देना होगा।विद्युत नियामक आयोग ने बिजली बिल पर लगने वाले दोहरे रेग्युलेटरी सरचार्ज से उपभोक्तओं को राहत दे दी है। आयोग ने रेग्युलेटरी सरचार्ज प्रथम को खत्म करने का आदेश सोमवार को जारी कर दिया है।

अभी तक प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं से दोहरा रेग्युलेटरी सरचार्ज लिया जा रहा था। रेग्युलेटरी सरचार्ज प्रथम और द्वितीय। पावर कॉरपोरेशन की चारों बिजली कंपनियों के उपभोक्ताओं पर रेग्युलेटरी सरचार्ज प्रथम अलग-अलग लागू है।

पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम में सबसे ज्यादा 2.84 फीसदी। एक हजार रुपये पर करीब 28 रुपये, दक्षिणांचल में 1.14 फीसदी। एक हजार पर 11 रुपये, पूर्वांचल के 1.03 फीसदी। एक हजार पर करीब 10 रुपये और मध्यांचल के बिजली उपभोक्ताओं को 0.73 फीसदी सरचार्ज देना होता है। एक हजार रुपये पर हर महीने करीब 7 रुपये।

दूसरा रेग्यूलेटरी सरचार्ज 2.38 फीसदी सभी बिजली कंपनियों के उपभोक्ताओं पर लागू है। आयोग ने पिछले साल बिजली दरें घोषित करने के साथ रेग्युलेटरी सरचार्ज प्रथम को 31 मार्च 2016 तक स्वीकार किया था। 31 मार्च की समय सीमा पूरी होने के बाद आयोग ने सोमवार को इस मामले में फैसला सुना दिया। आयोग के चेयरमैन देशदीपक वर्मा ने बताया कि एक अप्रैल से रेग्युलेटरी सरचार्ज प्रथम को खत्म माना जाएगा। उन्‍होंने बताया कि पावर कॉरपोरेशन प्रबंधन राजस्व वसूली और लाइन लॉस के लक्ष्य को पूरा करने में नाकाम रहा है। इसलिए उपभोक्ताओं से दोहरा रेग्युलेटरी सरचार्ज वसूलने का उसे कोई अधिकार नहीं है। आयोग के सदस्य एसके अग्रवाल ने कहा कि परफॉरमेंस के आधार पर सरचार्ज की मॉनीटरिंग की गई। जिसके आधार पर यह फैसला लिया गया है। उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने रेग्युलेटरी सरचार्ज खत्म करने के लिए नियामक आयोग में याचिका दाखिल की थी।