लखनऊ: प्रदेश के गन्ना एवं चीनी आयुक्त विपिन कुमार द्विवेदी ने आज यहां प्रदेश के समस्त उप गन्ना आयुक्तों एवं जिला गन्ना अधिकारियों के साथ बैठक करते हुये उन्हें गन्ना सर्वेक्षण शुद्धता एवं पारदर्शिता से करने के कड़े निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि गन्ना सर्वेक्षण सम्बन्धी शिकायतें प्राप्त होने पर उनके त्वरित निस्तारण हेतु मोबाइल टीमें गठित की जायें। इनके अतिरिक्त गड़बड़ी करने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों को चिन्हित कर उन्हें दण्डित करने का भी निर्देश दिया गया। गन्ना एवं चीनी आयुक्त ने सर्वेक्षण करते समय अन्तः फसलों/फार्म फारेस्ट्री एवं एग्रोफारेस्ट्री का विवरण भी दर्ज करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पहली बार ट्रेंच विधि से बुवाई करने वाले कृषकों के खेतों का विवरण भी गन्ना सर्वेक्षण के समय दर्ज किया जाये।

गन्ना पेराई सत्र 2016-17 हेतु गन्ना सर्वेक्षण कार्य 01 मई 2016 से आरम्भ होकर 20 जून 2016 तक पूर्ण किया जायेगा। गन्ना सर्वेक्षण के प्रमुख अव्यवों में सर्वेक्षण प्रक्रिया, निरीक्षण, अनुश्रवण, बेसिक कोटा की सामयिक तैयारी, सर्वेक्षण सूचियों का प्रदर्शन, नये सदस्यों की भर्ती, उपज बढ़ोत्तरी हेतु प्राप्त प्रार्थना-पत्रों के निस्तारण एवं प्री-कलेण्डर का प्रकाशन आदि बिन्दु सम्मिलित हैं। इसके अतिरिक्त गन्ना सर्वेक्षण के आधार पर तैयार किये गये बेसिक कोटा पर ही गन्ना कृषकों को गन्ना आपूर्ति हेतु पर्चियाॅ निर्गत की जाती है, जिसके माध्यम से कृषक चीनी मिलों को गन्ना आपूर्ति करते है। इसके साथ जो कृषक अभी गन्ना समितियों के सदस्य नही हैं, वह यदि 15 सितम्बर 2016 तक गन्ना समितियों के सदस्य बन जाते हैं, तो उन्हें गन्ना आपूर्ति की सुविधा अनुमन्य होगी। इसी क्रम में ऐसे किसान जिनकी उत्पादकता औसत उपज से अधिक है वह भी उपज बढ़ोत्तरी सम्बन्धी आवेदन पत्र दिनांक 30 सितम्बर 2016 तक निर्धारित शुल्क के साथ जमा कर सकते हैं।