लखनऊः उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने आज संेट जोसफ इंटर कालेज के स्थापना दिवस एवं वार्षिकोत्सव के अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि विद्यार्थी का परम कर्तव्य है पढ़ाई करना। विद्यार्थी केवल किताबी कीड़ा न बनें बल्कि अन्य गतिविधियों में भी प्रतिभाग करें। विद्यार्थी विश्व से प्रतिस्पर्धा करने के लिए कड़ा परिश्रम करें। उन्होंने कहा कि देश के अच्छे नागरिक बनकर देश की समस्या का अपना बुद्धि से हल निकालें। 

राज्यपाल ने कहा कि शिक्षक के आधार पर विद्यालय चलता है तथा छात्रों के परिणाम को देखकर विद्यालय का नाम बढ़ता है। विद्यार्थियों के विकास में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। शिक्षा के माध्यम से परिवार आगे बढ़ता है। उन्होंने कहा कि सरकार के साथ-साथ शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए समाज भी आगे आये।

श्री नाईक ने रामनवमी के अवसर पर बधाई देते हुए कहा कि मर्यादा पुरूषोत्तम श्री राम का आदर्श जीवन अनुकरणीय है। प्रभु राम के आदर्श जीवन का चित्र जो समाज के सामने रखा गया है उसके अनुसार वे आदर्श पुत्र, पति, राजा एवं पिता के रूप में जाने जाते हैं। महात्मा गांधी ने आजादी के बाद कहा था कि ऐसा राम राज हो जहाँ सबको आनन्द हो और सबकी सुनी जाये। उन्होंने कहा कि रामनवमी के दिन ऐसे आयोजन का होना एक सुखद संयोग है। 

राज्यपाल ने कहा कि गुणवत्ता एवं उत्कृष्टता आज के युग में महत्वपूर्ण है। आज सारा काम विज्ञान की प्रगति के आधार पर हो रहा है। उन्होंने छात्रों को सम्बोधित करते हुए कहा कि चार ऐसे गुरूमंत्र हैं, जिनसे हर क्षेत्र में बदलाव लाया जा सकता है। सदैव मुस्कुराते रहना, दूसरों के अच्छे कार्यों की प्रशंसा करना, किसी दूसरे के द्वारा किये गये अच्छे कार्य को कम न समझना तथा हर कार्य को यह सोचकर करना कि इसे पूर्ण करने का इससे अच्छा तरीका भी हो सकता है। उन्होंने कहा कि इन्हीं चार मंत्रों में भावी पीढ़ी की सफलता निहित है। उन्होंने अपने जीवन से जुड़े अन्य संस्मरण भी सुनाये।

महापौर लखनऊ डाॅ0 दिनेश शर्मा ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि शिक्षा और संस्कार के बिना अच्छा नागरिक बनना संभव नहीं है। पाश्चात्य संस्कृति से समाज में विकृति आयी है। बच्चों को बुजुर्गों का साथ मिलने से उनमें अच्छे संस्कार आते हैं। शिक्षक विद्याथिर्यों को गुणवत्तायुक्त शिक्षा प्रदान करें। उन्होंने कहा कि विद्यालय की पहचान उसके शिक्षकों से बनती है।

इस अवसर पर विद्यालय के संस्थापिका श्रीमती पुष्पलता अग्रवाल सहित अन्य लोगों ने भी अपने विचार रखें। वार्षिक समारोह में सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया।