नई दिल्ली: एक तरफ देश का बड़ा हिस्सा पानी के संकट से गुजर रहा है और सूखे ने किसानों की रीढ़ तोड़ दी है, लेकिन नेता हैं कि इस पर राजनीति करने से नहीं चूक रहे।ताजा विवाद महाराष्ट्र के सूखाग्रस्त इलाके के लिए पानी भेजने के दिल्ली सरकार के प्रस्ताव को लेकर है। जिस तेजी से केजरीवाल ने लातूर के लिए हर दिन दिल्ली की तरफ से दस लाख लीटर पानी भेजने का प्रस्ताव दिया उतनी ही तेजी से महाराष्ट्र ने उनके प्रस्ताव को ठुकरा भी दिया। सीएम केजरीवाल ने इस मामले में कहा है कि हमने तो ऑफर किया था, अब उनको नहीं चाहिए तो हम क्या कह सकते हैं।

महाराष्ट्र सरकार से ऑफर खारिज होने के बाद दिल्ली सरकार का कहना है कि इस बारे में सीएम ने खत पीएम नरेंद्र मोदी को लिखा था और इसलिए पीएम के जवाब का इंतज़ार है दिल्ली के जल मंत्री कपिल मिश्रा ने कहा कि “सीएम साहब ने सराहना करते हुए पीएम को लैटर लिखा है इसलिए उनके जवाब का इंतज़ार है और क्योंकि महाराष्ट्र को लैटर नहीं लिखा है इसलिए मोदी जी ही इस बारे में फैसला लेने के लिए सही शख्स हैं।”

महाराष्ट्र के सिंचाई मंत्री ने कहा है कि लातूर की जरूरत को पूरा करने के लिए राज्य के पास समुचित व्यवस्था है और फिलहाल किसी दूसरे राज्य की मदद की जरूरत नहीं है। केजरीवाल ने एक कदम आगे बढ़ते हुए इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री को ट्रेन मुहैया कराने के लिए चिट्ठी भी लिख दी। ऐसे में सवाल यह है कि दिल्ली जो खुद पानी संकट से हर साल दो-चार होती है, वहां का संकट सुलझाने के लिए क्या केजरीवाल पानी के नाम पर राजनीति कर रहे हैं।

केजरीवाल ने ट्वीट किया था कि लातूर में पानी की काफी दिक्कत है। हम सबको सहायता करनी चाहिए। क्या सभी दिल्लीवासी तैयार हैं, हर दिन कुछ पानी को बचाएं और लातूर के अपने लोगों को भेजें? लातूर के भाई-बहनों के लिए दिल्ली करीब 10 लाख लीटर पानी 2 महीने के लिए हर रोज देने को तैयार है।