नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने देशभर में मेडिकल कोर्सेस के लिए नेशनल एलिजिबिलिटी एंट्रेंस टेस्ट (NEET) का रास्ता साफ कर दिया है। कोर्ट ने वर्ष 2013 में एमबीबीएस, बीडीएस और स्नातकोत्तर चिकित्सा पाठ्यक्रमों के लिए साझा प्रवेश परीक्षा पर दिए अपने ही फैसले को खारिज कर दिया। इस फैसल में सर्वोच्च न्यायालय ने साझा एंट्रेंस टेस्ट को अवैध करार दिया था।

नीट पर एक समीक्षा याचिका पर सुनवाई करते हुए शीर्ष न्यायालय ने कहा कि अदालत कॉमन एंट्रेंस टेस्ट की वैधता के लिए नए सिरे से सुनवाई करेगी। कोर्ट ने कहा कि जब तक मामले पर कोई फैसला नहीं हो जाता, तब तक नीट को क्रियान्वित किया जा सकता है।

गौरतलब है कि वर्ष 2013 के कोर्ट के फैसले का मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) ने विरोध किया था और कोर्ट में समीक्षा की गुहार लगाई थी। एमसीआई के एक अधिकारी ने बताया कि छात्रों को कई एग्जाम में बैठने और यात्रा पर हजारों रुपए खर्च करने पड़ते हैं। कई छात्रों से विभिन्न कॉलेजों में में दाखिले का दावा करने का हक छीन लिया जाता है। पूरे भारत में 90 से ज्यादा मेडिकल एंट्रेंस टेस्ट होते हैं।