श्रीनगर। केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की पांच कंपनिया जिसमें 600 सैनिक हैं, उन्हें 1500 छात्रों की सुरक्षा के लिए श्रीनगर के एनआईटी परिसर में तैनात किया गया है। संख्या के लिहाज से देखा जाए तो दो छात्रों पर एक सैनिक की तैनाती की गई है। अर्धसैनिक बलों की इस तैनाती के बाद श्रीनगर का नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी (एनआईटी) सुरक्षाबलों के सबसे अधिक जमावड़े वाला कैंपस बन गया है।

एनआईटी में पढ़ रहे गैर कश्मीरी छात्रों को बर्बर तरीके से पीटने की आरोपी स्थानीय पुलिस इस पूरे घटनाक्रम से बाहर है। सीआरपीएफ की दो कंपनियों को पहले ही कैंपस में तैनात किया जा चुका था और सशस्त्र सीमा बल की तीन कंपनियों को हाल में परिसर में भेजा गया है। कैंपस में पूरा विवाद तब शुरू हुआ था जब छात्रों के एक गुट ने टी20 वर्ल्ड कप में वेस्टइंडीज के खिलाफ भारत की हार का जश्न मनाना शुरू कर दिया था।

यह संभवतः देश का एकमात्र कैंपस है जिसकी पूरी आंतरिक सुरक्षा अर्धसैनिक बलों के हवाले कर दी गई है। सूत्रों का कहना है कि अर्धसैनिक बलों की तैनाती को नियमित किया जा सकता है। ऐसा इसलिए संभव है क्योंकि छात्रों के बीच झड़प के बाद, गैर-कश्मीरी छात्रों की भारी मौजूदगी से यह इंस्टिट्यूट कट्टरपंथियों के रडार पर आ सकता है।

उप मुख्यमंत्री निर्मल सिंह ने एक अंग्रेजी अखबार को बताया कि छात्रों और अभिभावकों में एक तरह का गुस्सा है लेकिन हमने सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए हैं। उप मुख्यमंत्री ने बुधवार को छात्रों पर की गई पुलिस कार्रवाई को ‘अनुचित’ बताया। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार पर हमला किया और कहा कि केंद्रीय बलों की तैनाती आरएसएस के आदेश पर की गई है। अब्दुल्ला ने कहा कि आरएसएस ने राज्य की पुलिस पर ‘पक्षपातपूर्ण’ होने का आरोप लगाया है। आरएसएस ने कहा है कि राज्य की पुलिस पर भरोसा नहीं किया जा सकता है इसलिए सीआरपीएफ की तैनाती कैंपस में की गई है। उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर जनता से ‘राज्य की पुलिस’ के साथ खड़े होने की अपील भी की।

इस बीच, छात्रों पर पुलिस की कथित कार्रवाई की जांच के लिए सरकार के जांच दल बनाए जाने के फैसले ने उसके लिए ही मुसीबत पैदा कर दी है। पीडीपी के मुजफ्फर बेग ने पार्टी अध्यक्ष और मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को इसपर चेताया है। गृह मंत्री राजनाथ सिंह और मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने सीएम से बात की है।

नवरात्रों के पहले दिन एनआईटी आज बंद है लेकिन छात्र एनआईटी के अंदर ही शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे हैं। गुरुवार को पैंथर पार्टी ने छात्रों पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में प्रदर्शन किया था तो कई राजनीतिक दल महबूबा सरकार को घेरने में लगे हुए हैं। यही नहीं पीड़ित छात्रों ने एनआईटी शिफ्ट करने की मांग की है।

इधर प्रदेश सरकार ने हॉस्टल के छात्रों और उनके अभिभावकों को सुरक्षा का भरोसा दिलाया है। प्रदेश शिक्षा मंत्री नईम अख्तर ने इस बात से इनकार किया है कि ये मामला सुरक्षा से जुड़ा है। उनका कहना है कि ये एक प्रशासनिक मामला है और जल्द ही इसका हल निकल आएगा।