सिद्धार्थनगर: चौधरी अब्दुल सलाम सदस्य जिला पंचायत सिद्धार्थनगर ने बताया कि खाद्य  रसद विभाग में भ्रष्टाचार अपनी चरम सीमा पर है और जब से खाद्य  सुरक्षा अधिनियम जनवरी 2016 से लागू हुआ है उस  के बाद से  गरीबों को मिलने वाले  राशन में बड़े पैमाने पर लूट हो रही है। जब कि गरीब राशन के लिए दर दर भटक रहे हैंए चौधरी ने यह भी बताया कि खाद्य वितरण के लिए प्रवेक्षक नियुक्ति किए गए हैं राशन वितरण करवाने की व्यवस्था सरकार ने की है लेकिन प्रवेक्षक व कोटेदारों में आपसी तालमेल की वजह से यह राशन गरीबों तक नहीं पहुँचता है। कोई प्रवेक्षक मौके  पर राशन वितरित करवाने नहीं पहुंचता है बाद में कोटेदार खानापूर्ति करने के लिए उनसे हस्ताक्षर करवा लेता है।

चौधरी ने यह भी बताया कि सभी गरीबों की फर्जी अंगूठे और हस्ताक्षर करवा कर  कोटेदार  खाद्य  बाजारों में बेच देता  है। इस बारे में शिकायतें जिला प्रशासन से की गई लेकिन कोई कार्रवाई अभी तक नहीं हुई है।

अब्दुल हमीद प्रधान नद्या  ने कहा कि प्रधान खाद्य समय से बटवाना चाहता है  तो कोटे दार मेडिकल ले लेता है। ताकि गरीब जनता को राशन न मिले और ब्लैक मार्केटिंग हो जाती हैण्प्रधानों के विरोध के बावजूद भी कोटेदार मनमानी करते हैं और प्रधानों की छवि  भी धूमिल होती है।

चौधरी अब्दुल सलाम व अब्दुल हमीद  ने जिला प्रशासन से मांग की है कि खाद्य  में हो रही लूट को तुरंत रोका जाए और उस की  उच्च स्तरीय जांच कराई जाए वरना सिद्धार्थनगर की गरीब जनता इस लूट के विरोध में सड़कों पर उतरेगी।