लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी ने कहा समाजवादी कैडर के रूप में कार्य करता राज्य का पुलिस प्रशासन आखिर अपने दायित्वों को समझकर कब जागेगा। प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि एनआईए अधिकारी तंजील अहमद की हत्या के प्रकरण में मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद प्रशासन की तंद्रा टुटने के समाचार आ रहे है। वाराणसी जेल में घटनाऐं होती गयी और आलाधिकारियों ने परवाह तक नहीं की। उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि घटनाओं पर संवेदनशील कब होगा राज्य प्रशासनिक अमला।

मंगलवार को पार्टी मुख्यालय पर राज्य में घट रही घटनाओं पर प्रशासनिक संवेदनहीनता को लेकर तल्ख दिखे प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा राजनीतिक गठजोड़ के भरोसे महत्वपूर्ण पदों पर बैठे लोग अपनी जिम्मेदारियों का सम्यक निर्वाहन क्यों नहीं कर पा रहे है ? बार-बार राज्य में घट रही घटनाओं में प्रशासनिक विफलता के समाचार आते है पर ये प्रशासनिक विफलता क्यों और कैसे हो जा रही है इसकों लेकर भी तो संवेदनशील हो, राज्य का आईपीएस और आईएएस संवर्ग। अभी आईएएस और आईपीएस वीक मनाया गया, बहुत सारे आयोजन-प्रयोजन भी हुए। मुख्यमंत्री अपील करते हुए देखे गये कि उनकी सरकार वापसी के लिए अधिकारी काम करे, किन्तु शीर्ष प्रशासनिक अधिकारियों का ये संवर्ग अपने बारे में विचार करे कि उन्हें अपने दायित्वों के निर्वाहन के लिए आदेशों का इंतजार क्यों करना पड़ रहा है।

उन्होंने कहा कि एनआईए डिप्टी एसपी तंजील अहमद की हत्या, उस पर राज्य के प्रशासनिक अमले के रवैये, और मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद जगने के समाचार स्पष्ट कर रहे है कि आखिर इस पूरे प्रकरण पर हरकत में आने में राज्य के प्रशासनिक अमले को इतना समय क्यों लगा, क्यों राज्य में घट रही घटनाओं पर विभागाध्यक्ष तक टालू रवैया अपनाने में जुटे है, आखिर जैसे ही तंजील अहमद की हत्या के समाचार आये त्वारित तत्यर्पता बरतने के लिए कौन रोक रहा था ? श्री पाठक ने कहा वाराणसी जेल में घटनाएंे हुई प्रमाण खुद मंत्री स्वीकार कर रहे है कि भ्रष्टाचार और गुटबाजी की वजह से इस तरह कि परिस्थितियों का निर्माण हुआ, जेल अधिकारी सारे घटनाक्रम को गंभीरता से समझते तो बवाल नहीं होता। अब सवाल फिर वही है कि आखिर अधिकारीगण घटनाओं को गंभीरता से कब और कैसे लेंगे।