लखनऊः उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक की अध्यक्षता में आज राजभवन में उत्तर प्रदेश बाल कल्याण परिषद की कार्यकारिणी समिति की बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में उत्तर प्रदेश बाल कल्याण परिषद द्वारा प्रस्ताव पारित किया गया कि परिषद द्वारा नेत्रदान हेतु जागरूकता लाई जायेगी। बैठक में सदस्यों द्वारा यह भी प्रस्ताव लाया गया कि गतिशीलता लाने की दृष्टि से लखनऊ बाल भवन को राष्ट्रीय बाल भवन भारत सरकार से सम्बद्ध किया जाए। ग्रीष्मकालीन अवकाश में 9 से 16 वर्ष तक के आयु के बच्चों हेतु एक माह का कैम्प चलाकर कला एवं शिल्प का प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए। राज्यपाल ने कहा कि बेटियों के विरूद्ध होने वाले अपराध रोकने के लिए बाल कल्याण परिषद समाज में जागरूकता लाने का प्रयास करे।

श्री नाईक ने बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि ऐसी सभी संस्थायें जिनके अध्यक्ष राज्यपाल होते हैं उनमें व्यापक गतिशीलता आनी चाहिए। लोगों को लगे कि संस्थाएं कुछ काम रही हैं। उत्तर प्रदेश बाल कल्याण परिषद बाल प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने की दृष्टि से प्रभावी योजना बनाकर कार्य करें। उन्होंने कहा की नई पीढ़ी को जोड़ने की जरूरत है। बैठक में उज्जवला कुमारी चेयरमैन, रीता सिंह महासचिव, मुख्य वन संरक्षक ईवा शर्मा सहित अन्य जनपदों से आये परिषद के पदाधिकारी व वन, बाल विकास पुष्टाहार एवं वित्त विभाग के अधिकारी भी उपस्थित थे। 

राज्यपाल ने लीज नवीनीकरण की अद्यतन स्थिति की जानकारी लेने के बाद कहा कि  15 दिनों के भीतर बाल कल्याण परिषद के सदस्य एवं वन विभाग के अधिकारी संयुक्त रूप से निरीक्षण करके रिपोर्ट शासन को भेजें। बैठक में वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि न्याय विभाग से सहमति मिल गई है। प्रस्ताव वित्त विभाग भेजा जायेगा, जिसके उपरान्त लीज नवीनीकरण हेतु कैबिनेट में प्रस्ताव जायेगा। इस अवसर पर पूर्व में हुई बैठक के कार्यवृत्त की पुष्टि भी हुई।