अनूठे मंदिरों से विभूषित, प्राचीन समुद्र तटों, रमणीय हिल स्टेशंस एवं खूबसूरत बैकवाटर से समृद्ध, आंध्र प्रदेश के मनमोहक आकर्षण हमेशा से दुनिया भर के पर्यटकों को रिझाते रहे हैं और यही कारण है कि यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ रही है। वर्ष 2015 में, यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या 1218.3 लाख रही।

इस प्रदेश में वर्ष 2015 में आने वाले घरेलू पर्यटकों की संख्या बढ़कर 1218.3 लाख हो गई, जो कि वर्ष 2014 के 933 लाख पर्यटकों के मुकाबले 30 प्रतिशत अधिक है। 

श्री नीलाभ कुमार प्रसाद, आईएएस, प्रधान सचिव, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्रालय, आंध्र प्रदेश सरकार ने कहा, ‘‘आंध्र प्रदेश को भारत का सबसे पसंदीदा पर्यटन स्थल बनाने के अपने प्रयास के मद्देनजर, यह आंकड़ा हमारे लिए काफी उत्साहजनक है। हमारे आदरणीय मुख्यमंत्री श्री एन. चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व में और जोरदार रणनीति के साथ, हमें उम्मीद है कि वृद्धि की यह रफ्तार आगे भी यूं ही बनी रहेगी। हम आंध्र प्रदेश को वैश्विक मानकों के अनुरूप उत्कृष्ट पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए निवेश करेंगे और इस पर जोर देंगे।’’ 

लेपाक्षी में स्थित मशहूर पुट्टापार्थी और भगवान वीरभद्र मंदिर वाले अनंतपुर जिले में विदेशी पर्यटक सबसे अधिक आये और इनकी संख्या करीबन 1.37 लाख रही।

यहां आने वाले अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों में से, 2.37 लाख पर्यटकों ने वर्ष 2015 के दौरान प्रदेश का भ्रमण किया, जबकि वर्ष 2014 में यह संख्या 66,333 थी। अधिकांश विदेशी पर्यटक दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों जैसे-सिंगापुर, मलेशिया और मध्य-पूर्व के देशों जैसे-दुबई व अन्य से थे।  

डाॅ. आर.पी. खजूरिया, आईएफएस, आयुक्त, पर्यटन विभाग ने कहा, ‘‘आंध्र प्रदेश भारत के उन चंद राज्यों में से एक है, जहां पर्यटन की दृष्टि से इतनी समृद्ध विविधता है और यहां सभी आयु समूहों के पर्यटकों को आकर्षित करने की क्षमता है। इस प्रदेश के लिए भविष्य में अपार संभावना दिख रही है और ये संख्याएं इस बात का सबूत हैं कि भारत और विदेश दोनों ही जगहों से आने वाले अधिकाधिक पर्यटक इस प्रदेश की पेशकशों को महसूस कर रहे हैं।’’