नई दिल्ली: उत्तराखंड में राजनीतिक उठापटक के बीच राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया है। बीती रात कैबिनेट ने राष्ट्रपति शासन की सिफारिश की थी। सूत्रों के मुताबिक आज राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इसे औपचारिक रूप से हरी झंडी दे दी है। राष्ट्रपति शासन के साथ उत्तराखंड की विधानसभा को निलंबित कर दिया गया है लेकिन भंग नहीं किया गया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार की रात एक घंटे की कैबिनेट बैठक में उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन समेत तमाम विकल्पों पर विचार किया था। बता दें कि इस बैठक के लिए पीएम अपने दो दिवसीय असम दौरे को बीच में छोड़कर आए थे। सूत्रों ने बताया कि कैबिनेट बैठक के बाद वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कल देर रात राष्ट्रपति को इस बारे में जानकारी दी। राज्यपाल की रिपोर्ट पर राष्ट्रपति शासन लगाया गया है।

अंबिका सोनी ने इस पर कहा है कि कोर्ट जाने का फैसला आलाकमान द्वारा लिया जाएगा। केंद्र प्रजातंत्र के साथ खिलवाड़ कर रहा है। वहीं, विजय बहुगुणा का कहना है, ‘मैं चाहूंगा जल्द चुनाव हों। विधायकों की सदस्यता की साज़िश थी’कांग्रेस ने कहा है कि सरकार का यह फैसला असंवैधानिक है और वह राष्ट्रपति शासन को कोर्ट में चुनौती देगी।

भाजपा के प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से कल भेंट करके प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग करते हुए कहा था कि स्टिंग ऑपरेशन के बाद मुख्यमंत्री हरीश रावत को पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। स्टिंग में रावत 28 मार्च को होने वाले विश्वास मत के दौरान बहुमत साबित करने के लिए पार्टी के बागी विधायकों के साथ सौदेबाजी करते नजर आ रहे हैं।