नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को बड़ा झटका देते हुए कहा कि सरकारी अफसर को भी मौलिक अधिकार है कि वो अपनी सरकार के खिलाफ जनहित याचिका दाखिल कर सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार की उस याचिका पर टिप्पणी की जिसमें IPS अमिताभ ठाकुर को दस्तावेज वापस लौटाने के खिलाफ अर्जी दी गई थी।
दरअसल यूपी सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगाने की अपील थी जिसमें हाईकोर्ट ने ठाकुर के ख़िलाफ़ लगाए गए आरोपों के दस्तावेज़ सौंपने का आदेश दिया था।
सुनवाई के दौरान यूपी सरकार ने कहा कि अधिकारी होने के बावजूद ठाकुर लगातार राजनीतिक याचिकाएं दाखिल करते हैं। लेकिन इस तर्क को कोर्ट ने मानने से इनकार कर दिया जिसमें कहा गया था कि सर्विंग आईपीएस अधिकारी ने सरकार के ख़िलाफ़ ही कई जनहित याचिकाऐं दाख़िल की हुई हैं।
यूपी सरकार ने कहा कि ये अधिकारी हर 15 दिन में एक पीआईएल फ़ाइल कर देता है। अफसर के खिलाफ कई मामले हैं जिनमें कुछ में चार्जशीट भी हो चुकी है। लेकिन कोर्ट ने कहा कि कोई भी अफसर जनहित याचिका दाखिल कर सकता है भले ही वो सरकार के खिलाफ क्यों ना हो। क्योंकि ये उसका मौलिक अधिकार है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ठाकुर को दस्तावेज़ मिलने चाहिए इसलिए आपकी याचिका खारिज की जाती है। जिसके बाद यूपी सरकार ने याचिका वापस ले ली।
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