नई दिल्ली। कांगेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) की निकासी पर कर लगाने के बजट प्रस्ताव को वापस लिए जाने का स्वागत करते हुए मंगलवार को कहा कि सरकार ने उनके दबाव में यह कदम उठाया है। राहुल ने संसद भवन परिसर में पत्रकारों से कहा कि उन्होंने इस प्रस्ताव को वापस लेने के लिए सरकार पर जबरदस्त दबाव बनाया था और उसी का परिणाम है कि यह कर प्रस्ताव सरकार ने वापस लिया है। इसका लाभ मध्यम वर्ग और वेतनभोगी लोगों को मिलेगा।

वित्त मंत्री अरुण जेटली के लोकसभा में ईपीएफ पर कर लगाने के बजट प्रस्ताव को वापस लेने की घोषणा के बाद कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा, यह अच्छा फैसला है। मैंने इसके लिए सरकार पर दबाव बनाया था और कहा था कि इस तरह का कर लगाकर वेतनभोगी वर्ग पर बोझ नहीं डाला जाना चाहिए। इस कर का प्रावधान किए जाने से लग रहा था कि सरकार ने मध्यम वर्ग के लोगों की कमर तोडऩे वाला प्रस्ताव तैयार किया है, इसलिए मैंने इस कर प्रस्ताव को वापस लेने के लिए सरकार पर दबाव बनाया।

उन्होंने कहा, कांग्रेस गरीबों और मजदूरों की लड़ाई लड़ रही है। किसी को जब बेवजह और गलतढंग से रौंदा जाता है और जानबूझकर उनकी अवहेलना की जाती है तो मैं उनकी मदद करने के लिए आता हूं। कांग्रेस उपाध्यक्ष ने हाल ही लोकसभा में इन प्रस्तावों की तीखी आलोचना करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली से इसे वापस लेने की मांग की है।