नई दिल्ली: एक मासूम बच्ची जो बोल नहीं सकती और ना ही सुन सकती है। गलती से पाकिस्तान से भारत में दाखिल हो जाती है। लेकिन बीएसएफ के जवान उसके लिए ‘बजरंगी भाईजान’ की भूमिका निभाते हुए उसे सकुशल पाकिस्तान रेंजर्स को सौंप देते है। फिर वह बच्ची अपने परिजनों के पास पहुंच जाती है। सीमा पर हुई यह घटना सलमान खान के फिल्म बजरंगी भाईजान जैसी ही लगती है। फर्क सिर्फ इतना है कि वह रील लाइफ की कहानी थी और यह रियल लाइफ में ऐसा हुआ।

5 साल की पाकिस्तानी मूक-बधिर बच्ची गलती से भारतीय सीमा में दाखिल हो गई जिसके बाद भारतीय बीएसएफ के जवानों ने उसे पाकिस्तानी रेंजर्स को सौंप दिया। पाकिस्तानी रेंजर्स के जरिए बच्ची परिवार तक पहुंच गई है।

पूरा मामला इस प्रकार है। अबोहर सेक्टर में भारत-पाक सीमा पर सुबह 5 फरवरी को करीब 10 बजे किसानों के साथ गए बीएसफ जवानों के साथ यह बच्ची भारतीय सीमा की तरफ आती दिखी। फिर बीएसएफ के जवानों ने बच्ची को कब्जे में लिया और उससे पूछताछ की। यह बच्ची सीमा सुरक्षा बल के जवानो को ‘नाथा सिंह वाला’ सीमा चौकी पर मिली । यह चौकी अंतर्राष्ट्रीय सीमा के अबोहर क्षेत्र में है।

बच्ची से पूछताछ के दौरान बीएसएफ जवानों को इस बात का पता चला कि बच्ची मूक और बधिर है जिससे कुछ भी जानकारी देने में विफल है। जिसके बाद भारतीय अफसरों ने पाक रेंजर्स को इसकी सूचना दी। फिर पता चला कि वह बच्ची पाकिस्तानी ही है और उसके गायब होने की वजह से उसके परिजन उसकी तलाश करते हुए पाक सीमा पर पहुंच गए हैं। बीएसएफ के प्रवक्ता डीआइजी आरएस कटारिया के मुताबिक कुछ जरूरी जांच के बाद बीएसएफ ने पाकिस्तानी बच्ची को मानवीय आधार पर रविवार दोपहर पाकिस्तानी रेंजर्स को सौंप दिया और बच्ची सही-सलमात अपने घर पहुंच गई।