नई दिल्ली। केंद्रीय बजट में ईपीएफ पर टैक्स लगाने के प्रस्ताव के देशभर में विरोध के बीच खुशी देने वाली खबर आई है। शनिवार सुबह ऐसी खबरें आईं जिनसे EPF के टैक्स नियम में संशोधन की उम्मीद जग गई है। पीएम मोदी ने वित्त मंत्री जेटली से इस योजना के संशोधन को दोबारा देखने को कहा है।

सूत्रों के मुताबिक, ‘2-3 दिन पहले EPF टैक्स मुद्दे को लेकर पीएमओ में अधिकारी स्तर पर मीटिंग हुई थी। ऐसी संभावना है कि वित्त मंत्री बजट पर जवाब देते हुए EPF में टैक्स छूट का ऐलान कर सकते हैं।’ टैक्स एक्सपर्ट सुभाष लखोटिया ने कहा, ‘पीएम के हस्तक्षेप के बाद इस फैसले को वापस लेने की उम्मीद जग गई है। अगर पूरी तरह नहीं तो आंशिक परिवर्तन तो किया ही जाएगा।’

इससे पहले, कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) से निकासी पर कर लगाने के प्रस्ताव को लेकर विपक्ष द्वारा निशाना साधे जाने के बीच श्रम मंत्री बंदारू दत्तात्रेय ने बुधवार को राज्यसभा में कहा था कि सरकार विभिन्न पक्षों से बातचीत कर रही है और इस मुद्दे पर वह विचार करेगी।

उच्च सदन में प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवालों का जवाब देते हुए कहा कि उन्होंने कहा कि विभिन्न संबंधित पक्षों से बातचीत की जा रही है और कई पक्ष हैं। उन्होंने हालांकि कहा कि वह कई बातों का खुलासा नहीं कर सकते और सरकार विभिन्न विकल्पों पर विचार कर रही है। उन्होंने विशेष ब्यौरा दिए बिना कहा कि हम वित्त मंत्रालय के संपर्क में भी हैं।

सीपीएम के तपन कुमार सेन ने उनके दावों पर आपत्ति जताते हुए कहा कि वह भी इस मामले में पक्ष हैं लेकिन उनसे साथ कोई विचार विमर्श नहीं किया गया है।

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2016-17 के बजट में ईपीएफ और अन्य योजनाओं में सभी स्तरों पर छूट की पुरानी व्यवस्था में बदलाव लाते हुए एक अप्रैल 2016 के बाद किए गए योगदान पर अंतिम निकासी के समय 60 प्रतिशत योगदान पर सेवानिवृत्ति कर लगाने का आज प्रस्ताव किया। फिलहाल कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) द्वारा संचालित सामालिक सुरक्षा योजनाएं पूरी तरह कर छूट के दायरे में आती हैं। ये योजनाएं ‘इग्जेम्प्ट-इग्जेम्प्ट-इग्जेम्प्ट’ (ईईई) के अंतर्गत आती हैं। यानी जमा, ब्याज तथा निकासी तीनों पर कर छूट का प्रावधान है।