नई दिल्ली। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के धन्यवाद भाषण में महत्वपूर्ण बिलों के पास न हो पाने का दर्द दिखाई दिया। पीएम ने कहा कि जनहित के कई बिल सदन में अटके पड़े हैं। मैं विपक्ष से अपील करता हूं कि वह इन्हें पास कराने में मदद करे।

राहुल गांधी का नाम लिए बिना मोदी ने कहा कि कुछ लोगों को नई योजनाएं समझ में नहीं आती हैं। मेक इन इंडिया का मजाक उड़ा रहे हैं। पीएम ने जोर देकर कहा कि बिल पास होने ही चाहिए, यह सिस्टम को बिचौलियों से मुक्त करते हैं। पीएम ने कहा कि जीएसटी बिल आप ही का है, उसे रोका जा रहा है।विपक्ष के हंगामे पर पीएम ने कहा कि मुझे 14 साल से बहुत प्रमाणपत्र मिल रहे हैं, एक आपका भी सही। शुक्रिया। सिर झुकाकर स्वीकार करता हूं।

पीएम ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और लोकसभा के पूर्व स्पीकर सोमनाथ चटर्जी का उदाहरण दिया और कहा कि ये शख्सियतें संसद को चर्चा के केंद्र के रूप में देखती थी। पीएम ने कहा कि यह वो नहीं है जो मैं कह रहा हूं, इसे पूर्व में पीएम राजीव गांधी भी कह चुके हैं। राजीव गांधी भी संसद में चर्चा पर जोर देते थे। वह कहते थे कि संसद में सभी को बोलने का मौका मिलना चाहिए और बिल पास होने चाहिए। सदन बहस के लिए होता है लेकिन सदन नहीं चलने से देश पीड़ित है।

मोदी ने कहा, सदन बाधित करके विपक्ष क्या हासिल करेगा, संसद की गरिमा और मर्यादा बनी रहे, जनहित के सभी बिल अटके पड़े हैं। मैं अपने कुछ विचार आपके साथ शेयर करना चाहता हूं। एक प्रधानमंत्री की हैसियत से नहीं बल्कि एक नए सांसद की तरह। (इसी वक्त एक सांसद ने कहा कि आपकी कथनी और करनी में फर्क है) इस पर मोदी ने कहा, आपको धन्यवाद। बीते 14 सालों से मुझे तरह तरह के सर्टिफिकेट बहुत सारे लोगों ने दिए हैं।

मोदी ने कहा, क्या हम ऐसा तय कर सकते हैं कि 8 मार्च को तय करें कि केवल महिला सदस्य ही बोलें। क्या ऐसा हो सकता है कि हम आपस में तय कर लें कि एक बार सिर्फ वो सांसद भाषण देंगे जो पहली बार चुन कर आए हैं। अगर सदन नहीं चलता है तो सत्ता पक्ष का नुकसान होता है, देश का होता है लेकिन सबसे ज्यादा नुक्सान विपक्ष के सांसदों का होता है। सदन देश की आवाज उठाने के लिए है। पिछले दिनों जो सदन में हुआ उससे पीड़ित हूं।

मोदी ने कहा, मैं बिल पास कराने के लिए सांसदों का आह्वान करता हूं ताकि सिस्टम से दलालों को ख़तम किया जा सके। ये उपदेश मेरा नहीं, श्री राजीव गांधी जी का है, और हमें अपने बड़ों की बात माननी चाहिए।

पीएम ने कहा, हीन भावना की वजह से सदन बाधित किया जा रहा है। इन्हें ये काम्प्लेक्स है कि इनसे अच्छा बोलने वाले कई विपक्ष के सांसद हैं। कहीं वो भाषण देकर चमक न जाएं। इसीलिए सदन बाधित करते हैं। जनहित के सभी बिल अटके पड़े हैं लेकिन संसद में कुछ लोग मनोरंजन भी करवाते हैं। ये मेक इन इंडिया का मजाक उड़ा रहे हैं। कुछ लोगों की उम्र तो बढ़ती है लेकिन समझ नहीं बढ़ती, योजनाओं को समझने में काफी वक्त लगता है।

मोदी ने कहा, राजनीति नहीं राष्ट्रनीति पर सोचें। आप कहते हैं कि सारी योजनाएं आपकी ही तो हैं, इससे कौन इनकार कर सकता है? वरना हमें क्यों 4 लाख टॉयलेट बनाने पड़ते। हमें क्यों 18 हज़ार गांवों में बिजली पहुंचानी पड़ती। आप सीना ठोक कर कह सकते हो कि मोदी जी तुम खुद उखड़ जाओगे लेकिन गरीबी नहीं उखाड़ पाओगे। हमने उसे इतनी अंदर तक पैबस्त कर रखा है।