चेन्नई। तमिलनाडु सरकार ने राजीव गांधी हत्याकांड के सभी सातों दोषियों की उम्रकैद की सजा कम करके उन्हें रिहा करने का फैसला किया है। अब उसने इस मामले में केंद्र की राय जाननी चाही है। इसके लिए तमिलनाडु सरकार ने गृह मंत्रालय को पत्र लिखा है।

संसद के बजट सत्र के बीच ये मुद्दा भी गर्म होने लगा है। इस मुद्दे पर जब कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से राय मांगी गई तो उन्होंने कहा कि एक बेटे के तौर पर मैं कुछ नहीं कहना चाहता। जहां तक तमिलनाडु सरकार के पत्र की बात है तो उस पर सरकार फैसला करेगी।  वहीं इस फैसले के खिलाफ कांग्रेस ने राज्यसभा में स्थगन प्रस्ताव पेश किया है।

हाल ही में अपने पिता की मौत के बाद परोल पर 12 घंटे के लिए बाहर आई हत्या की दोषी नलिनी ने सरकार से रिहाई की गुहार लगाई थी। नलिनी ने कहा था कि सभी दोषियों 24 साल की सजा काट ली है। अब उनकी रिहाई हो। राज्य सरकार ने राजीव गांधी हत्याकांड में मौत की सजा से राहत पाने वाले सभी दोषियों संथन, मुरुगन, पेरारीवलन और उम्रकैद की सजा काट रहे नलिनी श्रीहरन, रॉबर्ट पायस, रविचंद्रन और जयकुमार को रिहा करने का आदेश दिया था।

लेकिन, इसके खिलाफ केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा था कि मामले की जांच सीबीआई ने की थी। इस केस में केंद्रीय कानून के तहत सजा सुनाई गई है। ऐसे में रिहा करने का अधिकार केंद्र का है। सुप्रीम कोर्ट ने जयललिता सरकार के फैसले पर रोक लगाकर मामले को 5 जजों की संविधान पीठ को भेज दिया था।