चेन्नई: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने कहा कि पूर्ववर्ती संप्रग सरकार ने ‘निहित स्वार्थ’ वालों के विरोध के बाद प्रत्यक्ष लाभ अंतरण योजना को स्थगित करके गलती की। अपनी पुस्तक ‘स्टैंडिंग गार्ड, वन इयर इन ऑपोजिशन’ के विमोचन पर उन्होंने कहा, ‘हमने डीबीटी को स्थगित किया क्योंकि निहित स्वार्थ वाले लोगों ने विरोध करना शुरू कर दिया था और एक समिति का गठन किया गया।’ 

वहां मौजूद लोगों द्वारा अर्थव्यवस्था पर पूछे गए सवालों के जवाब में उन्होंने कहा कि, समिति ने नयी (भाजपा) सरकार को सौंपी गयी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि स्थगन के लिए कोई तर्क नहीं है और वह विस्तार चाहती थी, और अब ‘उसे पूरे देश में लागू कर दिया गया है।’ उन्होंने चुलबुले अंदाज में स्वीकार करते हुए कहा, ‘हम डरपोक थे, हम बेचैन थे, और हमने उसे स्थगित कर दिया, वह गलती थी, उसी तरह और चीजें रोकी गयी जैसे एनसीटीसी।’’