नई दिल्ली: जेएनयू के छात्रों उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य को दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया। दोनों ने मंगलवार देर रात पुलिस के समक्ष सरेंडर किया था और उसके बाद देशद्रोह के मामले में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।

साउथ कैंपस थाना, जहां उनको रखा गया है, उसे दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के बाद अस्थायी अदालत में तब्दील कर दिया गया, ताकि उनके रिमांड पर सुनवाई के दौरान गोपनीयता बरती जा सके।

पुलिस उपायुक्त (दक्षिण) प्रेम नाथ ने बुधवार रात संवाददाताओं को बताया, उमर और अनिर्बान को तीन दिन की हिरासत में भेजा गया है। सुनवाई के दौरान पुलिस ने दोनों की सात दिन के रिमांड की मांग की। उन्होंने कथित तौर पर जेएनयू में 9 फरवरी को विवादास्पद कार्यक्रम का आयोजन किया था, जिसमें कथित तौर पर भारत विरोधी नारे लगाए गए थे।

पुलिस ने जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार को भी पेश करने के लिए आवेदन किया है, ताकि तीनों छात्रों से एक साथ पूछताछ की जा सके। कन्हैया को भी देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।

इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने कन्हैया कुमार, उमर और अनिर्बान के रिमांड पर सुनवाई के दौरान गोपनीयता बरते जाने का आदेश दिया था और पुलिस को इस बात को सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि किसी को भी खरोंच तक नहीं आए और इस बार कोई हंगामा नहीं हो।

रिमांड पर सुनवाई के दौरान गत 17 फरवरी को पटियाला हाउस अदालत में जब कन्हैया को पेश किया गया था, तो वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करते हुए उस पर हमला किया था। दो दिन पहले जब कन्हैया को अदालत में लाया जाना था, तो उन्हीं वकीलों ने पत्रकारों, जेएनयू छात्रों और शिक्षकों की पिटाई की थी।