लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी ने महिला सुरक्षा के मुद्दे पर अखिलेश सरकार को घेरते हुए कहा क्या कारण है कि जिस प्रशासनिक अमले पर कठोर कार्यवाही का दायित्व है ज्यादातर घटनाओं में वो बिचैलियों की भूमिका में नजर आती है। प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने सीतापुर में शोहदों द्वारा किशोरी की हत्या को लगातार अखिलेश सरकार के घटते इकबाल का परिणाम बताते हुए कहा कि दुराचारी, शोहदें राज्य में लचर कानून व्यवस्था के कारण इतने बेखौफ है कि प्रदेश की आधी आबादी असुरक्षा के साये में जी रही है।

मंगलवार को पार्टी मुख्यालय पर कानून व्यवस्था के मोर्चे पर विफल होती अखिलेश सरकार के इकबाल पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि राज्य में युवतियों का चलना दुर्भर हो गया है। परिवार यदि गरीब है तो वो शिकायत भी नहीं कर सकता, शिकायत करता है तो पुलिस बजाय इसके कि उसकी समस्या का समाधान करें, मामले पर लीपा-पोती में जुट जाती है। और कही खुदा न खास्ता उसमें युवती के गायब होने की शिकायत कर दी तो जबाव मिलता है ढूंढ़ कर बता दो तो सिपाही भेज देंगे। 

उन्होंने सीतापुर के गरीब परिवार के साथ हुई घटना का जिक्र करते हुए कहा कि जब दो बहने शाम का चैका-बर्तन कर घर लौट रही थी तो साइकिल सवार शोहदों ने रोक लिया, इन शोहदों ने र्दुव्यवहार शुरू किया, शोर मचाने पर गोली मार दी। जो जानकारियां है उनसे स्पष्ट है कि परिजन अपनी बेटियांे से लगातार होने वाली छेड़-छाड़ से परेशान थे जिसकों लेकर वे पुलिस से शिकायत करते रहे, पुलिस बजाय इन शोहदों पर कार्यवाही करने के मौन और तटस्थ रही, नतीजा आज हम सबके सामने है, बेखौफ शोहदों ने गोली मारकर किशोरी की जान ले ली।

श्री पाठक ने कहा कि सरकार दावें पर दावें कर रही है ‘‘आप कैमरें की नजर में है’’ का बोर्ड और श्लोगन तो दिखाई पड़ता है किन्तु राजधानी के अतिसुरक्षित क्षेत्र मुख्यमंत्री आवास और पुलिस महानिदेशक मुख्यालय के बीच बेटी की लाश चार दिनों तक पड़ती रहती है, यह राज्य की सच्चाई है। आज भी इस घटना को लेकर कयाशो का दौर जारी है किन्तु प्रशासनिक निक्कमेपन और नाकारेपन पर सरकार विचार करने को तैयार नहीं है कि जब इन अतिसुरक्षित जोन मंे कैमरे इन अपराधियों पर नजर नहीं कर पा रहे है तो प्रदेश के आम नागरिकों की सुरक्षा का क्या होगा ?

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि बहाने बनाने के बजाय सरकार अपनी नीति ठीक करे, अपराध कही भी हो, किसी तरह का हो, कठोर कार्यवाही होनी चाहिए। अपना नजारियां बदलंे मुख्यमंत्री अखिलेश यादव यह सम्भव नहीं है कि उनके पार्टी के नेता पुलिस थाने में पुलिसकर्मी का पैर तोड़ देंगे और सरकार का इकबाल बना रहेगा ?