अल इमाम वेलफेयर एसोसिएशन ने की मांग, सरकार कराये सुप्रीमकोर्ट के निर्णय का पालन

लखनऊ। अल इमाम वेलफेयर एसोसिएशन (आल इण्डिया) ने आज यहां उत्तर प्रदेश के इमामों, नायब इमामों और मोअज्जि़न की आर्थिक हालातों को सुधारने के लिये प्रदेश सरकार से हर माह आर्थिक सहयोग के रूप में वक्फ बोर्ड से तनख्वाह दिलाये जाने की मांग की है, और जल्द ही इस मामले को लेकर एसोसिएशन उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाकात भी करेगा। यहां प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में एसोशियन के संरक्षक इमरान हसन सिद्दीकी ने इस मांग को उठाते हुये सुप्रीम कोर्ट के उस निर्णय का हवाला देते हुये बताया कि जिसके तहत देश के पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, कनार्टक और पश्चिम बंगाल के इमामों, नायब इमामों और मोअज्जि़न को वक्फ बोर्ड के द्वारा तनख्वाह प्रदान की जा रही है, और इसी निर्णय के आधार पर उत्तर प्रदेश सरकार भी राज्य के इमामों, नायब इमामों और मोअज्जि़न को क्रमशः पन्द्रह हजार, दस हजार और आठ हजार रूपया हर माह तनख्वाह के रूप में आर्थिक सहयोग वक्फ बोर्ड से दिलाये। इस मांग को जायज ठहराते हुये श्री सिद्दीकी ने बताया कि मस्जिदों में पांचों वक्त नमाज पढ़ाने वाले इमामों, नायब इमामांे और मोअज्जि़न के पास अन्य कामों को करने का कोई समय नहीं मिल पाता है, जिस वजह से जैसे-तैसे अपना गुजर-बसर कर रहे है। ऐसी स्थिति में जरूरी हो गया है कि सुप्रीम कोर्ट के आल इण्डिया इमाम आर्गेनाइजेशन व अन्य बनाम यूनियन आॅफ इण्डिया व अन्य केस नम्बर सी (715/1990) में दिनांक 13 मई 1993 को दिये निर्णय के आधार पर उत्तर प्रदेश में भी वक्फ बोर्ड इमामों, नायब इमामों और मोअज्जि़न को हर माह आर्थिक सहयोग प्रदान करें। इस प्रेसवार्ता में अल इमाम वेलफेयर एसोसिएशन (आल इण्डिया) के अध्यक्ष कारी मुजीब खान, कोषाध्यक्ष मोहम्मद महमूदुल, कारी रजीउद्दीन सिद्दीकी सहित कई प्रमुख लोग मौजूद थे।