विशाखापट्टनम: रविचंद्रन अश्विन ने अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए चार ओवर में आठ रन देकर चार विकेट लिये जिससे भारत ने तीसरे और निर्णायक टवेंटी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में श्रीलंका को 37 गेंद शेष रहते हुए नौ विकेट से करारी शिकस्त देकर तीन मैचों की सीरीज 2-1 से जीती।

श्रीलंका पहले बल्लेबाजी का न्यौता मिलने के बाद पहले ओवर में लड़खड़ा गया। अश्विन शुरू से हावी हो गये और बाकी गेंदबाजों ने भी उनका पूरा साथ दिया। इससे श्रीलंका की टीम 18 ओवर में 82 रन पर ढेर हो गई जो उसका टी20 में न्यूनतम स्कोर है।

भारत ने 13.5 ओवर में एक विकेट पर 84 रन बनाकर आसान जीत दर्ज की। सलामी बल्लेबाज शिखर धवन 46 और अजिंक्य रहाणे 22 रन बनाकर नाबाद रहे। भारत पुणे में पहला मैच हार गया था लेकिन उसने रांची में दूसरे मैच में 69 रन से जीत दर्ज करके शानदार वापसी की थी।

तीसरा और आखिरी मैच भारतीय गेंदबाजों के शानदार प्रदर्शन के लिए याद किया जाएगा। श्रीलंका के केवल दो बल्लेबाज दोहरे अंक में पहुंचे जिनमें दासुन शनाका ने सर्वाधिक 19 रन बनाए। अश्विन के अलावा भारत की तरफ से सुरेश रैना ने दो ओावर में छह रन देकर दो विकेट लिये। जसप्रीत बमराह, रविंद्र जडेजा और आशीष नेहरा ने भी एक-एक विकेट हासिल किया।

भारत ने सहज शुरुआत की। शुरू में धवन ने गेंद को सीमा रेखा के दर्शन कराये जबकि रोहित शर्मा (13) ने सचित्रा सेनानायके पर छक्का जड़कर अपने हाथ खोले। उन्होंने दुशमंत चमीरा का स्वागत चौके से किया लेकिन अगली गेंद पर पगबाधा आउट हो गए। हालांकि तब लग रहा था कि गेंद उनके बल्ले को स्पर्श करके पैड पर लगी है।

भारतीय गेंदबाज शुरू से ही हावी हो गए थे। आलम यह रहा कि श्रीलंका के केवल दो बल्लेबाज दोहरे अंक में पहुंचे जिनमें दासुन शनाका ने सर्वाधिक 19 रन बनाये। अश्विन के अलावा भारत की तरफ से सुरेश रैना ने दो ओावर में छह रन देकर दो विकेट लिए। जसप्रीत बमराह, रविंद्र जडेजा और आशीष नेहरा ने भी एक-एक विकेट हासिल किया।

श्रीलंका का यह टी20 में न्यूनतम स्कोर है। इससे पहले उसका न्यूनतम स्कोर 87 रन था जो उसने 2010 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ब्रिजटाउन में बनाया था। यह कुल चौथा अवसर है जबकि श्रीलंकाई टीम 100 रन तक भी नहीं पहुंच पाई।

महेंद्र सिंह धौनी ने टॉस जीतकर श्रीलंका को पहले बल्लेबाजी का न्यौता दिया और फिर अपने तुरूप के इक्के अश्विन से गेंदबाजी का आगाज कराया। इस ऑफ स्पिनर ने अपनी लूप और फ्लाइट से श्रीलंकाई शीर्ष क्रम को तहस नहस करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने पहले ओवर में निरोशन डिकवेला (1) को खूबसूरत गेंद पर स्टंप आउट कराया और फिर तिलकरत्ने दिलशान (1) को पगबाधा आउट करके श्रीलंकाई खेमे में सनसनी फैला दी।

अश्विन ने अपने अगले ओवर में कप्तान दिनेश चंदीमल (8) को ललचाकर आसान कैच देने के लिये मजबूर किया। चंदीमल ने इससे पहले ओवर में नेहरा पर दो चौके लगाये थे। अपना पहला मैच खेल रहे असेला गुणरत्ने (4) को भी अश्विन ने कड़ा सबक सिखाया, जिन्होंने फ्लिक करने के प्रयास में लेग स्लिप में खड़े रैना को कैच दिया।

अश्विन के साथ गेंदबाजी का आगाज करने वाले नेहरा ने पांचवें ओवर की पहली गेंद पर मिलिंदा श्रीवर्धने (4) की गिल्लियां बिखेरकर स्कोर पांच विकेट पर 21 रन कर दिया।

सीकुगे प्रसन्ना ने आते ही नेहरा पर दो चौके लगाये जबकि उनके साथ दूसरे छोर पर खड़े शनाका ने युवराज सिंह का स्वागत लगातार गेंदों पर दो छक्के जड़कर किया। प्रसन्ना के रन आउट होने से हालांकि श्रीलंका की शुरुआती झटकों से उबरने की संभावना समाप्त हो गई।

जडेजा और रैना की स्पिन को खेलना श्रीलंका के पुछल्ले बल्लेबाजों के लिए आसान नहीं रहा। शनाका ने जडेजा की गेंद थर्डमैन पर खेलने की कोशिश की लेकिन वह उनके बल्ले से लगकर आफ स्टंप पर लग गयी।

तिसारा परेरा (20 गेंद पर 12 रन) डेथ ओवरों में लंबे शाट खेल सकते थे लेकिन रैना ने सचित्रा सेनानायके (8) और उन्हें तीन गेंद के अंदर पवेलियन भेजकर श्रीलंका की 100 रन की पहुंचने की उम्मीदें भी खत्म कर दी।