गुवाहाटी। भारत को शुक्रवार को सैग खेलों की पुरुष हॉकी स्पर्धा के फाइनल में पाकिस्तान के हाथों 0-1 से शिकस्त झेलनी पड़ी। इससे उसे रजत पदक से ही संतोष करना पड़ा।

अवेसुर रहमान ने पहले हाफ के अंतिम क्षणों में एकमात्र गोल दाग कर पाकिस्तान को लगातार तीसरी बार इन खेलों का स्वर्ण पदक दिलाया। पूरे मैच में पाक खिलाडि़यों ने अपना दबदबा बनाए रखा। भारतीय खिलाडि़यों ने गोल करने के बहुत कम मौके बनाए। पाकिस्तान ने 2006 और 2010 के खेलों में भी भारत को हराकर खिताब जीता था। लीग मैच में भी पाकिस्तान ने भारत को 2-1 से पराजित किया था।

पहले हाफ में पाकिस्तानी खिलाड़ियों ने गेंद पूरी तरह से अपने नियंत्रण में रखी। इसका फायदा भी उसे 1-0 की बढ़त बनाकर मिला। भारतीय खिलाडि़यों ने बराबरी के लिए कई प्रयास किए, लेकिन प्रतिद्वंद्वी खिलाडि़यों ने उनकी कोशिशों को नाकाम कर दिया।

हॉकी इंडिया को खेल मंत्रालय ने लगाईं लताड़ 

केंद्रीय खेल मंत्रालय ने दक्षिण एशियाई खेलों (सैग) में दूसरे दर्जे की टीम भेजने पर शुक्रवार को हॉकी इंडिया को आड़े हाथ लिया। भारतीय हॉकी के शीर्ष  खिलाड़ी इस समय 12वें सैग खेलों की जगह हॉकी इंडिया लीग में खेल रहे हैं।

खेल सचिव राजीव यादव ने कहा कि पैसों की तरफ खिलाडि़यों का ध्यान ज्यादा है और इसीलिए ओलंपिक भावना को भी दरकिनार किया जा रहा है। क्षेत्र की शीर्ष टीमें भारत और पाकिस्तान की हैं और इनके बीच मैच भावुक मुकाबला होता है। रियो ओलंपिक की तैयारियों के लिए यह मुकाबला अच्छा होता। हमने हॉकी इंडिया से सैग में मजबूत टीम भेजने को कहा था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। ये किसी के खिलाफ कार्रवाई करने का मामला नहीं है, बल्कि खेल संघों को खुद सीखना चाहिए। सैग खेल रियो ओलंपिक की तैयारियों के लिए महत्वपूर्ण है और भारतीय हॉकी टीम ने रियो के लिए क्वालीफाई किया है। पाकिस्तानी टीम ओलंपिक के लिए क्वालीफाई भी नहीं कर पाई है, लेकिन कमजोर टीम भेजे जाने के कारण उसने गुवाहाटी में लीग मुकाबले में भारतीय टीम को 2-1 से पराजित कर दिया।