लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी ने प्रमुख सचिव (नियुक्ति) के पद पर भ्रष्टाचार के दोषी अधिकारी को तैनात किये जाने पर अदालत की टिप्पणी को प्रदेश सरकार के मुहॅ पर तमाचा बताया। 

भाजपा प्रदेश पार्टी मुख्यालय पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि शासन प्रशासन चलाने में मुख्यमंत्री अपरिपक्व सिद्ध हुए है। चार वर्ष के कार्यकाल में अधिकारियों की नियुक्ति गुण-दोष के आधार पर नहीं बल्कि व्यक्तिगत निष्ठा के आधार पर की गई। ईमानदार अधिकारियों को महत्वहीन पदों पर बैठाया गया और भ्रष्टाचार के आरोप में दोषसिद्ध अधिकारी राजीव कुमार को प्रमुख सचिव (नियुक्त) जैसे महत्वपूर्ण पद सौंपा गया। दागी अधिकारी प्रदीप शुक्ला को भी जेल से बाहर आते ही मलाईदार पद सौंप दिया गया। 

प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि अखिलेश सरकार में नौकरशाही निरंकुश और राजनैतिक आकाओं के इशारे पर भ्रष्टाचार में डूबी हुई है। अखिलेश सरकार ने तबादला उद्योग से जमकर उगाही की है और हर दूसरे दिन अधिकारियों की नई तैनाती लिस्ट आ जाती है। 

प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि अधिकारियों के साथ राजनैतिक अपराधिक गठजोड़ ने पूरे प्रदेश में अराजकता का माहौल बना दिया है। जिसके परिणाम स्वरूप कानून-व्यवस्था छिन्न-भिन्न हो गई है।

प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि र्शीष अदालतों ने अखिलेश सरकार की कई आयोगों पर नियुक्तियों को भी रद्द किया है। बावजूद इसके मुख्यमंत्री के निर्णय प्रक्रिया में कोई बदलाव नहीं दिख रहा है।