मुंबई: तीसरे दिन की अपनी गवाही के दौरान डेविड हेडली ने एक अहम खुलासा किया है। हेडली ने बताया है कि इशरत जहां लश्कर-ए-तैयबा की आतंकी थी। इशरत जहां को 15 जून 2004 में अहमदाबाद के पास एक एनकाउंटर में मार गिराया गया था।

उस समय दावा किया गया था कि इशरत अपने साथियों के साथ तत्कालीन गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को मारने के लिए गुजरात पहुंची थी हालांकि कई लोगों ने इस से इनकार भी किया था और इस मुठभेड़ को फर्जी करार दिया था, लेकिन अब हेडली के कोर्ट में दिए बयान के बाद एक बार से ये मुद्दा गर्मा गया है।

हेडली ने तीसरे दिन टेरर फंडिंग पर मुंह खोला है। उसने बताया है कि आईएसआई के मेजर इकबाल ने उसे आंतकी गतिविधियों के लिए 25 हज़ार अमेरिकी डॉलर दिए। इसके अलावा मुंबई में आतंक फैलाने के लिए उसे लश्कर के साजिद मीर से भी 40 हज़ार रुपये मिले।

हेडली ने आज गवाही के तीसरे दिन यह भी बताया है कि मुंबई हमले से पहले तहव्वुर राणा भारत आया था और उसने हेडली को समय रहते भारत छोड़ने को कहा था। इसके अलावा हेडली ने मुंबई के एसी मार्किट में ऑफिस खोला था और राणा से हेडली को 67 हज़ार 605 रुपये भी मिले थे।