नई दिल्ली: फुटबॉल और हॉकी की तरह अब क्रिकेट में भी रेड कार्ड (लाल कार्ड) की गुंजाइश बनने लगी है। एमसीसी यानी मैरिलबोन क्रिकेट क्लब (MCC),ख़राब व्यवहार, स्लेजिंग या हिंसा के लिए खिलाड़ियों को रेड कार्ड दिखाने के नियम को लागू करने की कोशिश कर रहा है। पिछले साल इंग्लैंड में कम से कम पांच मैच खिलाड़ियों की हिंसा और बुरे बर्ताव की वजह से रद्द कर देने पड़े थे। एमसीसी ने दुनिया भर के अंपायर एसोसिएशन की सलाह पर इस बारे में एक्शन लेने का फ़ैसला किया है।
फ़िलहाल एमसीसी इसे ग़ैरपेशेवर खेलों में लागू करने की कोशिश कर रहा है। एमसीसी के कानून विभाग के अध्यक्ष फ़्रेज़र स्टीवर्ट ने कहा कि पिछले साल ज़्यादातर मैच अच्छी तरह खेले गए जहां खिलाड़ियों और अंपायर के बीच भी अच्छा तालमेल दिखा। लेकिन वे कहते हैं कि इंग्लैंड में कई मैचों के दौरान हिंसा भी देखने को मिली जिसकी वजह से खेल को बीच में ही रोक देना पड़ा। उन्होंने बताया कि पिछले साल कम से कम पांच ऐसे ही मैचों की वजह से खेल के कानून पर फिर से विचार की ज़रूरत आन पड़ी है।
इंग्लैंड में क्रिकेट के लिए कानून बनाने वाली सर्वोच्च संस्था एमसीसी अगर इसे घरेलू और ग़ैरपेशेवर क्रिकेट में लागू कर देतीहै तो इस खेल में ये एक नई पहल होगी। मुमकिन है कि आने वाले दिनों में रेड कार्ड का नियम अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में भी लागू होता दिखाई पड़े।
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