बड़े इमामबाड़े में शेख बाकिर अल निम्र की मजलिसए चेहलुम का आयोजन 

लखनऊ : सऊदी अरब में आतंकवाद और जुल्म के खिलाफ आवाज़ उठाने पर फांसी पर चढ़ा दिए गए ईरान के धर्मगुरु शेख बाकिर अल निम्र की मजलिसए चेहलुम आज बड़े इमामबाड़े में मजलिसे उलमाये हिन्द की तरफ से आयोजित आयोजित हुई। मजलिस को संबोधित करते हुए मजलिसे उलमाये हिन्द के महासचिव मौलाना सैयद कल्बे जवाद नकवी ने कुरआन की आयत के हवाले से कहा कि अल्लाह ने साफ कहा है कि तुम्हारा झुकाव जालिमों की तरफ न हो वरना तुम्हें नरक में झोंक दिया जाएगा ,इसलिए जब अल्लाह जालिम की तरफ झुकाव  सहन नहीं करता तो सोचें कि जालिम का क्या अंजाम होगा। 

मौलाना कहा कि प्रत्येक हथियार का तोड़ होता मगर शहादत का कोई तोड़ नहीं है क्योंकि शहादत खुद एक हथियार है जिससे जालिम खुद अपनी गर्दन काट लेता है । जालिम जितना असहाय शहीद के सामने होता है किसी के सामने नहीं होता । क्योंकि अगर वे मजलूम को शहीद न करे तब भी हार भाग्य है और अगर शहीद करता है तब भी हार निश्चित है। मौलाना ने कहा कि रसूले इस्लाम ने फरमाया कि मजलुम की बददुआ से डरो चाहे वह किसी भी धर्म का मानने वाला हो क्योंकि मजलुम की बददुआ सीधे अल्लाह तक पहुँचती है। मौलाना ने अधिक कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि शहीद बाकिर अल निम्र का खून बेकार नहीं जाएगा उनका खून रंग ला रहा है ।अभी वहाबियत और उन्की प्रचारक किताबों पर मिस्र, जॉर्डन, तयोनूस,तजाकिसतान मै रोक लगा दी गयी है और पाकिस्तान में प्रचार तबलीगी जमाअत पर रोक लगा दी गई है। मौलाना ने कहा कि वहाबी चरमपंथी विचारधारा के लोग शियों से मिलने जुलने पर भी रोक लगाते हैं मगर शिया किसी पर कोई रोक नहीं लगाते बल्कि उनका कहना है कि पूरी दुनिया में जहां जी चाहे जाओ और जिस्से चाहे मिलो क्योंकि जिन्हें अपनी सत्यता पर विश्वास नहीं होता वही रोक लगाते हैं। मौलाना ने कहा कि हर गुनाह की सजा भविष्य में दी जाएगी लेकिन अत्याचार ऐसा महान पाप है जिसकी सजा दुनिया और आखरत दोनों में मिलती है। मौलाना ने कहा कि इमामए काबा भारत आए और उन्होंने यहां जितना पैसा बांटा वे आतंकवाद को बढ़ावा देने में खर्च हुआ है । सऊदी सरकार आतंकवाद को बढ़ावा दे रही है और उसके इशारे पर यहां मुस्लिम मौलवी काम कर रहे हैं उन पर सरकार नजर रखे। मौलाना ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार यमन में सऊदी अरब की बमबारी से इतना जानी व माली नुकसान हुआ है जितना प्रथम युद्ध में भी नहीं हुआ। एक हजार से अधिक स्कूल ध्वस्त हो गए, सैकड़ों अस्पतालों को गिरा दिया गया। उनके पास इतने विशेषज्ञ पायलट नहीं हैं यह सब इस्राएल के भेजे हुए पायलट हैं जो बमबारी कर रहे हैं।

आलिम अहले सुन्नत मौलाना खुर्शीद अनवर बरकाती ने कहा कि मुसलमानों में भ्रम पैदा किया जाता है कि शिया व सुन्नी मतभेद है लेकिन दरअसल शिया व सुन्नी में कोई मतभेद नहीं है यह मतभेद मुसलमानों और वहाबियों मै है। सुन्नी कभी अत्याचार और आतंकवाद का साथ नहीं दे सकता ।इसलाम शांति और अम्न का धर्म हे। एक जमाअत है जो अन्याय पसंद करती है यही जमाअत पूरी दुनिया में आतंकवाद को बढ़ावा दे रही है। मौलाना ने कहा कि सऊदी सरकार इस्लाम की दुश्मन है उसका सफाया निश्चित है ।उनके सिद्धांतों और चिंताओं पर पाबंदी लगनी चाहिए क्योंकि यह विचारधारा जवानों में चरमपंथ पैदा करती हैं। मौलाना ने कहा कि शहीद बाकिर अल निम्र को क्रूरता के साथ शहीद किया गया है और उनका खून जरूर रंग लायेगा।

मौलाना रजा हुसैन ने कहा कि सऊदी सरकार ने प्रगम्बरों, सहाबियों और मोहम्मद साहब की बेटी की कब्र के निशान तक मिटा दिये है। यह केसे मुसलमान हैं जो पैगम्बरों की कब्र पर भी दया नहीं करते। मौलाना 

मौलाना तसनीम मेहदी ने कहा कि शहीद बाकिर अल निम्र की शहादत ने यह साबित कर दिया कि सऊदी सरकार, इस्लामी कामों का उपहास करती है और वहां इस्लामी व्यवस्था नहीं बल्कि उत्पीड़न और क्रोध के आधार पर बादशाहत कायम है।

मौलाना हबीब हैदर आब्दी ने कहा कि शेख बाकिर अल निम्र की शहादत इन्साफ और इस्लामी सिद्धांतों की हत्या है। क्या अपने अधिकारों के लिए आवाज बुलंद करना इस्लाम में अपराध है? शहीद बाकिर अल निम्र की हत्या मानवता की हत्या है और सऊदी सरकार मानवता का हत्यारा है।

मौलाना मोहम्मद मियां आब्दी ने कहा कि मै हर शांतिप्रिय आदमी से सवाल करना चाहता हूँ कि यमन, बहरीन, लेबनान और सीरिया में तो सऊदी अरब बमबारी कर रहा और हजारों बेगुनाहों की हत्या की जा रही है लेकिन अगर उन्हें मुसलमानों से इतनी ही हमदर्दी है तो वह फिलिस्तीन के समर्थन में क्यों कदम नहीं उठाता है ।इसराईल के खिलाफ क्यों अपनी बहादुरी नहीं दिखता। यह शिया व सुन्नी लड़ाई नहीं है बल्कि यह सुन्नियों के भी दुश्मन हैं अगर यह सुन्नियों के हमदर्द होते तो फिलिस्तीन के समर्थन में इसराइल के खिलाफ भी अपनी बहादुरी  दिखाते।

स्वामी सारंग जी ने कहा कि हिन्दू समाज जुल्म और आतंकवाद के खिलाफ है ।मेरा ऐतिहासिक अध्ययन यह बताता है कि जब भी किसी राजा के समय में किसी धर्म को दबाने की कोशिश हुई है तो वह और भी फला फूला है यही स्थिति शियों की है। उन्हें जितना दबाया गया है इस धर्म ने इतनी ही वृद्धि की है। हम सऊदी अरब के अत्याचार की निंदा करते हैं और शहीद बाकिर अल निम्र को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।

इस कार्यक्रम में मौलाना मुमताज जाफर मौलाना गजंनफर नवाब, मोलान शफीक हुसैन, मौलाना तनवीर हुसैन, मौलाना नजर हुसैन, मौलाना जववार हुसैन, मौलाना शबाहत हुसैन, मौलाना हसन जाफर मौलाना सरकार हुसैन मौलाना निसार अहमद, मौलाना नैयर जलाल पुरी मौलाना फिरोज हुसैन, मौलाना अर्शी रजा, मौलाना इस्तेफ रजा और अन्य उलमा के साथ मदरसों के छात्र और शहर की अन्जुमनों ने बड़ी संख्या में भाग लिया।