नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के दलित प्रेम को मात्र दिखावा करार देते हुए आरोप लगाया कि उनकी पार्टी ने हमेशा दलितों के प्रति दुर्व्यवहार किया। है। भाजपा के प्रवक्ता संबित पात्रा और अनुसूचित जाति मोर्चे के अध्यक्ष दुष्यंत गौतम ने कहा कि मीडिया में आई खबरों के मुताबिक तीन फरवरी को गाजियाबाद जिले के कांग्रेस अध्यक्ष ओमप्रकाश शर्मा ने महापौर के चुनाव के सिलसिले में की बैठक बुलाई थी।

इसमें अनुसूचित जाति के जिलाध्यक्ष जितेंद्र कुमार को भी बुलाया गया था लेकिन शर्मा ने उनके साथ दुव्यर्वहार किया और जातिसूचक शब्द कहे। पात्रा ने कहा कि यह घटना कांग्रेस की मानसिकता और चिंतन को दर्शाती है। जातीय राजनीति के नाम पर अपनी अपनी राजनीति चमकाने और समाज को बांटने का प्रयास कर रहे राहुल गांधी इस मामले में चुप क्यों है? वह हैदराबाद जाकर दलित प्रेम के नाम पर ड्रामेबाजी करते हैं लेकिन अपनी पार्टी के भीतर हो रही इस तरह की हरकतों पर आंखें मूंदे बैठे हैं। उन्हें यह जवाब देना चाहिए कि उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष और शर्मा पर अब तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई।

उन्होंने कहा कि चेन्नई में आई बाढ़ के बाद जब गांधी वहां का दौरा करने गए थे तो पूर्व केंद्रीय मंत्री और दलित नेता नारायण सामी उनकी चप्पलें लेकर घूम रहे थे। यहीं कांग्रेस का असली चेहरा है और यहीं मानसिकता कांग्रेस की रग-रग में है। उन्होंने कहा कि भुवनेश्वर के एक कॉलेज में पढ़ाई कर रहे 60 दलित छात्रों की छात्रवृत्ति बिहार सरकार ने रोक दी है। कांग्रेस बिहार में सत्तारूढ़ महागठबंधन का हिस्सा है और पार्टी को इस पर जवाब देना चाहिए।

गौतम ने कहा कि यह घटना कांग्रेस का असली चेहरा है। पार्टी ने बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के साथ भी हमेशा भेदभाव किया। दिल्ली में उनके बंगले को दूसरे नेताओं के बंगलों की तरह संग्रहालय नहीं बनाया गया और न ही कांग्रेस की सरकारों ने उन्हें भारत रत्न दिया गया। गैर कांग्रेसी सरकार आने के बाद डॉ़ अंबेडकर को भारत रत्न मिला। अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष पी एल पूनिया को इस मामले में कार्रवाई करनी चाहिए अन्यथा अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।