लखनऊ: उत्तर प्रदेश शासन ने नई व्यवस्था के अन्तर्गत जन सेवा केन्द्रों एवं ई-सुविधा केन्द्रों (लखनऊ को छोड़कर) के माध्यम से आम नागरिकों को दी जा रही शासकीय सेवाओं के यूजर चार्जेज के अंश विभाजन को नये सिरे से निर्धारित किया है। यह नवीन अंश विभाजन एक जनवरी, 2016 से प्रभावी होगा। इसके अतिरिक्त भविष्य में यदि किसी अन्य संस्था द्वारा जनपद स्तर पर शासकीय सेवाओं को प्रदान किये जाने के लिए शासन की अनुमति से समान शर्तों पर केन्द्रों की स्थापना की जाती है तो नवीन अंश विभाजन इन संस्थाओं पर भी लागू होगा।
उल्लेखनीय है कि जन सेवा केन्द्रों द्वारा ई-डिलिवरी के माध्यम से आम नागरिकों को प्रदान की जा रही शासकीय सेवाओं हेतु लिये जा रहे यूजर चार्जेज में से डिस्ट्रिक्ट प्रोवइडर के अंश का पुनर्विभाजन एवं वितरण किया जा रहा है। शासन द्वारा आम जनमानस को उनके द्वार के सपीम समस्त शासकीय सेवाएं उपलब्ध करये जाने के लिए आगामी 31 दिसम्बर तक प्रदेश के हर एक ग्राम पंचायत में कम से कम एक जन सेवा केन्द्र को स्थापित किया जाना है। इसी क्रम में डी0एस0पी0 के रूप में चयनित संस्थाओं द्वारा प्रदेश में शहरी एवं ग्रामीण अंचलों में जन सेवा केन्द्र की स्थापना किये जाने का लक्ष्य है।
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