लखनऊ: प्रदेश की समाजवादी पार्टी सरकार द्वारा यादव सिंह को बचाने की तमाम साजिशों के बावजूद उच्चतम न्यायालय द्वारा सी0बी0आई0 जांच के आदेश दिये जाने पर सीबीआई द्वारा यादव सिंह को गिरफ्तार करने के बाद यह भरोसा बढ़ा है कि हजारों करोड़ रूपये के नोएडा, ग्रेटर नोएडा तथा यमुना एक्सप्रेस वे घोटाले का पूरी तरह से पर्दाफाश होगा और इसमें सत्तारूढ़ दल समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के वह सफेदपोश नेता बेनकाब होंगे जो लगातार न सिर्फ  यादव सिंह के भ्रष्टाचार को संरक्षण दे रहे थे वरना उसके जरिये होने वाले भ्रष्टाचार से खुद अपनी तिजोरियां भर रहे थे।

गौरतलब है कि पूरी की पूरी प्रदेश सरकार और उसका तंत्र श्री यादव सिंह को बचाने के लिए न सिर्फ जमीन-आसमान एक किये था बल्कि उसके पक्ष में  उच्चतम न्यायालय में पूरी अखिलेश यादव सरकार खुद खड़ी हो गयी थी। 

उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी कम्युनिकेशन विभाग के वाइस चेयरमैन वीरेन्द्र मदान ने कहा कि राज्य सरकार के यादव सिंह के भ्रष्टाचार में लिप्त होने का एक महत्वपूर्ण उदाहरण यादव सिंह प्रकरण की जांच सी0बी0सी0आई0डी0 को सौंपना भी था जिसने एक तरफ पहले तेजी दिखाते हुए यादव सिंह के खिलाफ रेड कार्नर नोटिस जारी किया लेकिन सरकारी दबाव के चलते बाद में यादव सिंह को क्लीन चिट भी दे दी। अब सीबीआई द्वारा यादव सिंह की गिरफ्तारी से सीबीसीआईडी के उच्च अधिकारी भी सवालों के घेरे में आयेंगे।

यादव सिंह को सबसे पहले बहुजन समाज पार्टी द्वारा संरक्षण और समर्थन दिया गया तथा कमाई का साधन बनाया गया। इसके बाद समाजवादी पार्टी ने संरक्षण दिया और हजारों करोड़ रूपये से अपनी तिजोरियां भरी। अब इनकी गिरफ्तारी से वर्तमान सत्तारूढ़ दल एवं पूर्व के सत्तारूढ़ दल के नेताओं का नाम सामने आयेगा और जनता के सामने बेनकाब होंगे।

प्रदेश की जनता समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के जातिवाद और भ्रष्टाचार से तंग है। वहीं भारतीय जनता पार्टी के खोखले वादों और साम्प्रदायिकता से तंग आ चुकी है और आने वाले विधानसभा चुनाव में ऐसे तत्वों को माकूल सबक सिखायेगी।