अमरीकी राष्ट्रपति ने किया पहली बार किसी अमरीकी मस्जिद का दौरा 

बाल्टीमोर। बुधवार को अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा पहली बार किसी मस्जिद में पहुंचे। यहां उन्होंने मुस्लिम नेताओं से मुलाकात करने के बाद स्पीच भी दी। अमरीकी प्रेसिडेंट ने कहा कि मुसलमान अमरीकी फैमिली का हिस्सा हैं। गौरतलब है कि अमरीकी राष्ट्रपति के तौर पर बराक ओबामा का यह आखिरी साल है।

इस्लामिक सोसाइटी मस्जिद पहुंचने पर अंदर जाने से पहले ओबामा ने जूते उतारे। इसके बाद वह कैम्पस के बाहरी हिस्से में कुछ देर रुके। ओबामा को राष्ट्रपति बने आठ साल हो चुके हैं, लेकिन यह पहला मौका है, जब वह अमरीका की किसी मस्जिद में गए हों। इसे सियासी नजर से भी देखा जा रहा है।

यहां मस्जिद में दिए भाषण में ओबामा ने कहा कि, ” इस्लाम पर हमला सभी धर्मों पर हमला है। अमरीका में रिलिजियस फ्रीडम है लेकिन यह बात भी सही है कि फिलहाल देश में मुस्लिमों को लेकर कुछ चिंता और डर है। हम अमरीका में सभी मजहबों को मानने वालों लोगों की सिक्युरिटी के लिए कमिटेड हैं। अगर एक मजहब को मानने वाले लोगों की आस्था पर हमला होता है, तो यह सभी मजहबों और आस्थाओं पर हमला है।” ओबामा ने कहा कि, “टेररिज्म से निपटने का सबसे अच्छा तरीका है कि अमरीका दिखा दे कि वह इस्लाम को दबाता नहीं है। वह इस्लाम के खिलाफ फैलाए जा रहे झूठ को नकार देता है। मुस्लिम कम्युनिटी को कट्टरवाद और टेररिज्म के खिलाफ खड़ा हो जाना चाहिए।”

राष्ट्रपति बराक ओबामा ने बुधवार को देश में मुसलमान विरोधी बयानबाजी की निंदा करते हुए मुसलमानों के प्रति सहिष्णुता का रुख अपनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि, “हमने मुसलमान अमरीकी नागरिकों के खिलाफ अक्षम्य राजनीतिक बयानबाजी सुनी है, जिसका देश में कोई स्थान नहीं है।” उन्होंने कहा, “आपने अक्सर देखा होगा कि आतंकवाद के घिनौने कारनामों के लिए एक ही समुदाय के लोगों पर शक किया जाता है।” उन्होंने आगे कहा कि, “9/11 हमले के बाद मुसलमानों के खिलाफ बयानबाजी शुरू हुई लेकिन पेरिस और कैलिफोर्निया के सैन बर्नार्डिनो में आतंकवादी हमलों के बाद इसमें इजाफा हुआ है।”

ओबामा ने कहा, “हमने बच्चों को डराते-धमकाते, मस्जिदों को ध्वस्त करते हुए देखा है। हम क्या कर रहे हैं, हम ये नहीं हैं।”