कोच्चि : कांग्रेस नीत यूडीएफ सरकार को एक बड़ी राहत देते हुए केरल उच्च न्यायालय ने एक सतर्कता अदालत के उस आदेश पर शुक्रवार को रोक लगा दी जिसमें सौर घोटाला मामले में मुख्यमंत्री ओमन चांडी और बिजली मंत्री आर्यदान मोहम्मद के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया गया था।
चांडी और मोहम्मद की याचिकाओं पर विचार करते हुए न्यायमूर्ति पी उबैद ने कहा कि जांच आयुक्त और विशेष न्यायाधीश :सतर्कता:, त्रिस्सूर ने अपनी शक्तियों की प्रकृति और हद को जाने बिना यांत्रिक तरीके से कार्य किया।
उच्च न्यायालय ने दो महीने के लिए सतर्कता अदालत का आदेश निलंबित करते हुए प्रशासनिक संभाग ने सतर्कता अदालत के न्यायाधीश के खिलाफ कार्रवाई पर विचार करने का निर्देश दिया।
उच्च न्यायालय ने कहा, ‘‘सतर्कता अदालत अधिकार क्षेत्र की त्रुटि से ग्रस्त है।’’ अपनी याचिका में चांडी ने कहा कि सतर्कता अदालत ने वह आदेश देने के लिए समाचार पत्रों में छपी रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की और उसने अधिकार क्षेत्र का इस्तेमाल करने में गंभीर त्रुटि की है।
सतर्कता अदालत के न्यायाधीश ने कहा था कि कानून के समक्ष सभी लोग समान हैं ‘‘चाहे वह गांव का व्यक्ति हो या मुख्यमंत्री।’’ उन्होंने सतर्कता निदेशक को आदेश दिया था कि वह चांडी और मोहम्मद और छह अन्य के खिलाफ मामले में प्राथमिकी दर्ज करे।
न्यायाधीश एस एस वासन ने अपने आदेश में कहा था कि वह मामले के गुण-दोष पर कोई टिप्पणी नहीं कर रहे हैं। उन्होंने निर्देश दिया था कि रिपोर्ट 11 अप्रैल तक सौंपनी है। उसी दिन मामले की अगली सुनवाई होनी है।
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