पेशावर: उत्तरी पश्चिमी पाकिस्तान के चारसद्दा में बाचा खान यूनिवर्सिटी पर आतंकी हमले में 25 लोगों की मौत की खबर है। वहीं 50 से अधिक लोग घायल हुए हैं। इसके साथ ही 4 आतंकियों के ढेर होने की भी सूचना मिली है। फिलहाल आतंकियों के खिलाफ सेना का ऑपरेशन खत्म हो चुका है, लेकिन 3-4 आतंकियों के बगल के गांव के एक घर में छिपे होने की आशंका है, जिनकी तलाश के लिए सेना का सर्च ऑपरेशन जारी है।

इस बीच हमले की जिम्मेदारी तहरीक-ए-तालिबान ने ले ली है। वहीं पीएम नवाज शरीफ ने इस हमले की निंदा करते हुए कहा कि बेकसूरों के कातिलों का कोई मजहब नहीं होता।

पाकिस्तानी सेना ने इस ऑपरेशन में एयरफोर्स की भी मदद ली। सेना ने जल्द ही कैंपस को अपनी जद में लेकर छात्रों को बाहर निकालना शुरू कर दिया था। इस कैंपस में 3000 छात्र और 600 मेहमान मौजूद थे।

स्थानीय मीडिया के मुताबिक, कोहरे की आड़ में ये आतंकी पीछे के रास्ते से कैंपस में घुसे। बंदूकधारियों ने कैंपस के भीतर दाखिल होते ही टीचर्स और छात्रों पर गोलीबारी शुरू कर दी।

बचकर बाहर आए एक छात्र ने बताया कि उसने टॉयलेट में छिपकर अपनी जान बचाई। कुछ लोग छत पर छुपे थे तो कोई कमरे में।  अंदर बेहद भयावह माहौल था। इस दौरान कैंपस के बाहर बड़ी संख्या में बच्चों के परिजन भी इकट्ठा हो गए। हालांकि सुरक्षाकारणों से उन्हें लगातार हटाने की कोशिश होती रही। हमले के बाद पेशावर के सभी अस्पतालों में अलर्ट घोषित कर दिया गया है।

गौरतलब है कि यूनिवर्सिटी में बुधवार को बाचा खान की पुण्यतिथि मनाई जा रही थी। 1988 में उनका निधन हो गया था और वह ताउम्र उदार-गांधीवादी रहे।  यूनिवर्सिटी पर हमले की पहले से ही आशंका थी इसलिए कल रात से ही यहां हाई अलर्ट था।

तालिबान के आतंकवादियों ने दिसंबर 2014 में पेशावर में सेना के एक स्कूल पर हमला कर दिया था। तब उन्होंने 150 से ज्यादा लोगों को मार दिया था, जिनमें ज्यादातर छात्र थे।