लखनऊ: हज 2016 के लिए गुरुवार से राज्य हज समिति कार्यालय में आवेदन फॉर्म मिलना और जमा होना शुरू हो जाएंगे। पहली बार हज यात्रा पर जा रहे हज यात्रियों को फॉर्म जमा करने के लिए इस बार समिति कार्यालय के चक्कर नहीं लगाना पड़ेंगे। इस बार आवेदनकर्ताओं को ऑनलाइन आवेदन फॉर्म भर कर उसका प्रिंटआउट राज्य हज समिति में जमा करना होगा। आवेदकों को फॉर्म भरने में कोई परेशानी न हो इसके लिए राज्य हज समिति ने अपनी वेबसाइट पूरी जानकारी डाल दी है।

हज के लिए ऑनलाइन आवेदन फॉर्म भरने के बाद फॉर्म पर दस्तावेजों का सत्यापन राज्य हज समिति कार्यालय में होगा। बिना सत्यापन के जमा किए गए फॉर्म को अपूर्ण माना जाएगा। आवदेनकर्ताओं को ऑनलाइन फॉर्म भरने के लिए सबसे पहले हज हाउस की वेबसाइट पर अपना आईडी और पासवर्ड बनाना होगा। राज्य हज समिति कार्यालय में हज यात्रा आवेदन फॉर्म लेने के लिए प्रदेश के विभिन्न जनपदों के अल्पसंल्यक कल्याण अधिकारी पहुंचना शुरू हो गए है। 

अधिकारियों के मुताबिक हज यात्रा के लिए 8 फरवरी 2016 के बाद का बना पासपोर्ट स्वीकार नहीं किया जाएगा। इसके अलावा हज यात्री के पासपोर्ट की वैधता 10 मार्च 2017 तक होनी चाहिए, इससे पहले समाप्त होने वाले पासपोर्ट भी स्वीकार नहीं किये जाएंगे। एक कवर नम्बर पर अधिकतम पांच  व्यस्क और दो बच्चों का आवेदन किया जा सकता है।

पिछले साल की तरह इस बार भी हज समिति ने 70 साल से अधिक उम्र वाले आवेदकों को रिजर्व श्रेणी में रखा है। साथ ही 14 जनवरी 1946 या उससे पहले के जन्मे आवेदक को भी उसके एक साथी के साथ रिजर्व श्रेणी में रखा जाएगा। वरिष्ठ नागरिक के साथ उनके साथी के रूप में पति, पत्नी, भाई-बहन, लड़का-लड़की, पोता-पोती, नाती-नातिन, दामाद-बहू, भांजा-भांजी और भतीजा-भतीजी आवेदन कर सकते हैं। इस श्रेणी के किसी एक का आवेदन निरस्त होने पर दूसरे का भी आवेदन निरस्त माना जाएगा। आरक्षित श्रेणी का आवेदक किसी भी स्थिति में अकेले यात्रा नहीं कर सकेगा। इसके अलावा लगातार तीन बार आवेदन करने वाले आवेदकों को भी आरक्षित श्रेणी में रखा जाएगा। ऐसे आवेदक जिन्होंने लगातार तीन बार आवेदन किया और चयन नहीं हुआ या किन्हीं कारणों से हज पर नहीं गये, उन्हें अलग आरक्षित श्रेणी में रखा जाएगा। ऐसे आवेदनकर्ताओं को अपने पिछले तीनों आवेदन का ब्यौरा हज समिति को देना होगा।