लखनऊः उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक की अध्यक्षता में भाऊराव देवरस सेवा न्यास, निराला नगर द्वारा स्वामी विवेकानन्द जयंती के उपलक्ष्य में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय भारत सरकार एवं एलिम्को कानपुर के सहयोग से निःशुल्क विकलांग सेवा शिविर का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में कृत्रिम अंग एवं विकलांग सहायक उपकरण का वितरण भी किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री भारत सरकार थावर चंद गेहलोत, डाॅ0 दिनेश शर्मा महापौर लखनऊ, डा0 कृष्ण गोपाल सह सरकार्यवाह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, सांसद कौशल किशोर सहित अन्य लोग भी उपस्थित थे।

राज्यपाल ने कहा कि उत्तर प्रदेश में मेरी सरकार है, यदि विकलांगों के लिए प्रदेश में पुनर्वास केन्द्र स्थापित करने के लिए केन्द्र से प्रस्ताव आयेगा तो वे प्रदेश के मुख्यमंत्री से 10 एकड़ जमीन देने के लिए बात करेंगे। उत्तर प्रदेश में डाॅ शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय है, इस दृष्टि से प्रदेश में पुनर्वास केन्द्र की स्थापना महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।

श्री नाईक ने स्वामी विवेकानन्द की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि स्वामी विवेकानन्द ने अपने शिकागों के सम्बोधन में भाइयों और बहनों कहकर जो तेज और ज्योति उत्पन्न की थी वहीं ज्योति आज भी काम कर रही है। विज्ञान के दौर में शारीरिक अक्षमता को कौशल विकास से पराजित किया जा सकता है। मन की इच्छा और ताकत से असंभव भी संभव हो सकता है। उन्होंने विकलांगों के लिए चलायी जा रही पुनर्वास योजनाओं पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि जिस संवदेनशीलता से स्वामी विवेकानन्द ने शिकागों में भाषण दिया था उसी प्रकार संवेदनशीलता से विकलांगों के लिए भी कार्य योजना तैयार की गयी है। राज्यपाल ने चेतना मंदबुद्धि विद्यालय के बच्चों को सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करने के लिए पांच हजार रूपये का पुरस्कार भी दिया।

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री भारत सरकार श्री थावर चंद गेहलोत ने कहा कि विकलांगजन मानव संसाधन का अभिन्न अंग हैं। उनके सुखद जीवन के लिए सुअवसर प्रदान करना चाहिए। उन्होंने बताया कि निःशक्तजनों के लिए कौशल प्रशिक्षण, सुगम भारत योजना, ब्रेल प्रेस का आधुनिकीकरण, सरकारी नौकरियों में आरक्षण, सांकेतिक भाषा के लिए प्रशिक्षण केन्द्र आदि की भी योजनाएं हैं।

डाॅ0 कृष्ण गोपाल सह सरकार्यवाह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने कहा कि निःशक्तजनों को सबल करने की जरूरत है। शारीरिक रूप से कमजोर होने के बावजूद उनके पास क्षमता है। उन्होंने कहा कि जिनके पास सामथ्र्य है वह विकलांगजनों की सेवा करके उन्हें समर्थ बनायें ताकि देश का विकास हो सके।

कार्यक्रम में 356 ट्राइसाइकिल, 49 व्हील चेयर, 308 बैसाखी, 65 कान की मशीन, 32 कृत्रिम अंग सहित अन्य सहायक उपकरण निःशक्तजनों को वितरित किये गये।