लखनऊ: मुम्बई में 1990 के दशक में सक्रिय कुख्यात अण्डरवर्ल्ड सरगना गुरू साटम गैंग के शूटर एवं विगत लगभग 25 वर्ष से हत्या के अभियोग से फरार वांछित अभियुक्त उदयभान सिंह पुत्र रामाधार सिंह निवासी ग्राम थाना रामपुर अन्तर्गत थाना फूलपुर वाराणसी को गिरफ्तार करने में एसटीएफ उत्तर प्रदेश को सफलता प्राप्त हुई। 

मुम्बई में 1980-1990 के दशक में गुरू साटम गैंग अत्यन्त सक्रिय था उसके गैंग द्वारा भाड़े पर हत्या, तस्करी, भयादोहन व अन्य आपराधिक गतिविधियाँ चरम पर थीं। इसी दौरान दाउद इब्राहिम व छोटा राजन गैंग की सक्रियता बढ़ने लगी। जिससे गैंगवार की स्थिति उत्पन्न हो गयी।  वर्ष 1993 के मुम्बई के सीरियल बम ब्लास्ट के उपरान्त छोटा राजन दाउद इब्राहिम से अलग हो गया एवं कुरू साटम गैंग के साथ जुड़ गया।  उसके कुछ समय उपरान्त छोटा राजन का गुरू साटम गैंग से भी मतभेद उत्पन्न हो गया।  ऐसा माना जाता है कि बैंकाक में छोटा राजन पर हुये हमले में भी गुरू साटम ने अप्रत्यक्ष सहयोग किया था।  गैंगवार की इस स्थिति में वर्चस्व के लिये आपसी प्रतिद्विन्दता इतनी बढ़ गयी थी कि दोनों गैंग एक दूसरे से संबंधित व्यक्तियों की हत्या करने लगे जिससे उनका वर्चस्व कायम हो सके। 

इसी क्रम में मुम्बई के एक प्रतिष्ठित एवं तत्कालीन जनप्रतिनिधि के निकट सम्बन्धी पिण्टया भगत की हत्या दाऊद इब्राहिम द्वारा अपने शूटर काले महमूद के माध्यमसे करा दी गयी थी।  मृतक का सम्बन्ध गुरू साटम गैंग से होने के कारण उक्त गैंग द्वारा बदले की कार्यवाही को लेकर 16.03.1990 को मुम्बई के बालू व्यवसायी बालाराम मात्रे की हत्या थाना रबाले, नवी मुम्बई के अन्तर्गत गुरू साटम के द्वारा अपने शूटरों के माध्यम से उसके घर में घुसकर दिन-दहाड़े सनसनीखेज तरीके से करा दी गयी।  ऐसा माना जाता था कि बालाराम मात्रे का सम्बन्ध दाऊद गैंग से था उसी के कहने पर पिण्टया भगत की हत्या की गयी थी।  इस हत्या के सम्बन्ध में थाना रबाले, नवी मुम्बई में मु0अ0सं0ः 108/1990 धारा 302, 307, 34 भा0दं0वि0 व 3/25 आम्र्स एक्ट के अन्तर्गत अभियोग पंजीकृृत किया गया।  विवेचना के दौरान यह तथ्य प्रकाश में आया कि उक्त हत्या में मुम्बई के सुरेश मचेकर, वाराणसी के अनिल चौबे उर्फ बवजय सिंह व उदयभान सिंह गुरू साटम गैंग के शूटर थे, जिन्होंने 15 लाख की सुपारी लेकर बालाराम मात्रे की हत्या की।  उल्लेखनीय है कि सुरेश मचेकर पूर्व में ही मुम्बई पुलिस द्वारा मुठभेड़ में मारा जा चुका है।  अनिल चैबे उर्फ विजय सिंह को मुक्बई पुलिस द्वारा लगभग 15 दिन पूर्व गिरफ्तार किया गया था, जिससे घटना का अनावरण हुआ है। 

वांछित अभियुक्त उदयभान की गिरफ्तारी हेतु मम्बई पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा एसएसपी एसटीएफ को सहयोग हेतु अनुरोध किया गया।  एसएसपी एसटीएफ द्वारा फील्ड इकाई, वाराणसी को अभिसूचना संकलन कर कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया।  अभिसूचना संकलन के दौरान ज्ञात हुआ कि उदयभान जनपद वाराणसी,ख् भदोही व जौनपुर क्षेत्र में घूम-फिर कर रहता है।  इस सूचना से मुम्बई पुलिस को अवगत कराया गया जिसपर क्राइम ब्रान्च थाणे सिटी की एक टीम भी वाराणसी पहुॅंच गयी।  अनिल चैबे उर्फ विजय सिंह की गिरफ्तारी के बाद से अपने सहयोगियों के यहाँ छिप कर रहा है।

आज मुखबिर द्वारा यह सूचना प्राप्त हुई कि प्रातः लगभग सात बजे उदयभान सिंह थाना सारनाथ अन्तर्गत सथवा तिराहा पर किसी साथी से मिलने आयेगा।  एसटीएफ की टीम द्वारा मौके पर पहुॅंचकर गाड़ाबन्दी की गयी।  समय लगभग 07ः20 पर उदयभान सिंह उक्त स्थान पर बिना नम्बर की मोटर साइकिल से आया जिसे मुखबिर ने पहचाना, जिसपर त्वरित कार्यवाही कर एसटीएफ टीम द्वारा आवश्यक बल प्रयोग कर गिरफ्तार कर लिया गया।

प्रारम्भिक पूंछताॅछ पर गिरफ्तार अभियुक्त उदयभान सिंह ने बताया  िकवह बचपन से मुम्बई में रहता था एवं कपड़े की मिल में काम करता था जहाँ उसका सम्पर्क गुरू साटम गैंग से हुआ और अपराध में सक्रिय हो गया, वर्ष 1990 में ही थाना भुईवाड़ा, मुम्बई में गुरू साटम के कहने पर अपने ही मिल के कर्मचारी की हत्या की, जिसमें वह आर्थर जेल में 17 माह तक बन्द रहा।  इसके बाद वह मुम्बई के कई प्रभावशाली व्यक्तियों को धमकी देकर भयादोहन भी करता रहा।  उल्लेखनीय है कि उदयभान सिंह वर्ष 2000-2005 तक ग्राम प्रधान व 2010-2015 तक जिला पंचायत सदस्य भी रहा है।  उदयभान सिंह से गहन व विस्तृत पूंछ-ताॅछ मुम्बई पुलिस के अधिकारियों द्वारा की जा रही है।

उदयभान सिंह के विरूद्ध जनपद वाराणसी व महाराष्ट्र में लगभग दो दर्जन अभियोग पंजीकृत होना प्रकाश में आया है।  इसके अन्य आपराधिक इतिहास के बारे में गहन छान-बीन की जा रही है।