लखनऊ। फतेहपुर के दुर्दांत दस्यु राधेश्याम मौर्य को आज तड़के एसटीएफ ने  इलाहाबाद के धूमनगंज से मुठभेड़ के दौरान गिरफ्तार कर लिया। उस पर 50 हजार का इनाम था। फतेहपुर में सुल्तानपुर घोष क्षेत्र के ओरम्हा निवासी राधेश्याम मौर्य अपने छोटे भाई सीताराम मौर्य के साथ 80 के दशक में गैंग बनाकर डकैती करता था। लोगों में खौफ पैदा करने के लिए उसने डकैती के दौरान कई हत्याएं की। यह गैंग फिरौती के लिए अपहरण की घटनाएं अंजाम देने के लिए कई जिलों में जाना जाता था। गैंग की दहशत वर्ष 2001 तक फतेहपुर व कौशांबी में थी। फरार चल रहे दोनों भाइयों पर पुलिस ने 50-50 हजार का इनाम घोषित किया था। सीताराम तो मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में छिपकर रहने लगा था। उसका भाई राधेश्याम इलाहाबाद में ही शरण लिए रहा। पुलिस उसकी तलाश में लगातार छापेमारी कर रही थी। इलाहाबाद एसटीएफ को सूचना मिली कि राधेश्याम किसी वारदात को अंजाम देने के लिए शनिवार तड़के चौफटका पहुंच रहा है। इस पर एसटीएफ एसआई अतुल सिंह ने टीम के साथ चौफटका चौराहे पर घेराबंदी की। राधेश्याम बाइक से आता दिखा तो पुलिस ने रोकने की कोशिश की। इस पर राधेश्याम ने पिस्टल से फायरिंग शुरू कर दी और ओवरब्रिज की तरफ भागने लगा, लेकिन पकड़ लिया। राधेश्याम के कब्जे से 32 बोर की पिस्टल, दो कारतूस, 12 हजार रुपये और एक बाइक बरामद हुई है। राधेश्याम पर कौशांबी में अपहरण और डकैती के दो मामले दर्ज हैं। फतेहपुर के विभिन्न थानों में डकैती, हत्या, व अपहरण के 13 मामले दर्ज हैं। एसटीएफ ने धूमनगंज थाने में मामला दर्ज कर उसे जेल भेज दिया है।