लखनऊः उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने आज दादा मियाँ के 108वें उर्स के अवसर पर उनकी मजार पर चादरपोशी कर देश एवं प्रदेश के अमन-चैन एवं खुशहाली के लिए दुआएं मांगी। राज्यपाल ने इस अवसर पर दादा मियां के जीवन पर आधारित पुस्तक ‘एजाज-ए-जहाँगीरी‘ का लोकार्पण भी किया। राज्यपाल ने कहा कि दादा मियाँ के जीवन पर आधारित पुस्तक उर्दू भाषा में है, इसका भाषान्तरण हिन्दी में भी होना चाहिए ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग उनके बारे में जानकारी करके लाभान्वित हो सकें। पुस्तक ‘एजाज-ए-जहाँगीरी‘ के हिन्दी संस्करण का लोकार्पण राजभवन में भी किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इससे पूर्व राजभवन में अनेक प्रकार के कार्यक्रम का आयोजन और पुस्तकों का विमोचन हो चुका है। दरगाह पर सज्जादा नशीन दरगाह दादा मियाँ ख्वाज़ा सबाहत हसन शाह सहित भारी संख्या में जायरीन उपस्थित थे।

राज्यपाल ने चादरपोशी के बाद श्रद्धालुओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि दादा मियाँ की मजार आकर मन को शान्ति मिलती है तथा बरबस मुंबई स्थित हाजी अली दरगाह की याद भी आती है। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं को देखकर कोई यह फर्क नहीं कर सकता कि कौन हिन्दू समुदाय का है और कौन मुस्लिम समुदाय से है। 

श्री नाईक ने कहा कि मन की शान्ति के लिए कोई मंदिर जाता है, कोई मस्जिद जाता है तो कोई गिरिजाघर एवं गुरूद्वारा जाता है। गीता हो, कुरान, बाईबिल या अन्य धार्मिक ग्रंथ हों, सभी में मानवता से प्यार करना बताया गया है। सब मिलकर देश में एकता, शान्ति और प्यार बनाये रखें। उन्होंने कहा कि ऐसे श्रद्धा के स्थान से पूरे देश में यही संदेश जाना चाहिए। राज्यपाल ने इस अवसर पर आयोजित महफिलें समां में कव्वाली भी पूरी श्रद्धा से सुनी।