नई दिल्ली। मुस्लिम संगठन जमात-ए-इस्लामी हिंद ने पूरे मुल्क में शराब पर बैन लगाए जाने की और जुवेनाइल की उम्र सीमा नहीं घटाने की बात कही है। इस्लामिक संगठन ने कहा कि शराब पर बैन लगाने से कम उम्र में लोगों को बिगड़ने से बचाया जा सकेगा और सेक्शुअल अपराधों पर लगाम कसी जा सकेगी।

जमात-ए-इस्लामी हिंद के प्रेजिडेंट सैयद जलालुद्दीन उमरी ने कहा कि, “22 दिसंबर को राज्यसभा में जूवेनाइल जस्टिस बिल को मंजूरी दी गई। इस कानून के तहत किशोर अपराधी की उम्र 16 साल मानने का प्रावधान है। ऐसे अपराधों में जिनमें सात साल से अधिक की सजा का प्रावधान होगा, उसमें 16 साल से अधिक उम्र के किशोर को बालिग माना जाएगा। जमात इस बिल का स्वागत करती है, लेकिन हमारा मानना है कि सिर्फ कानून और दंड से ही अपराध को खत्म नहीं किया जा सकता। सेक्शुअल अपराधों को रोकने के लिए कड़ी सजा देना ही एकमात्र रास्ता नहीं है।”

उन्होंने कहा कि शराब पीने और सेक्शुअल क्राइम के बीच सीधा संबंध है। उन्होंने कहा कि हम पूरे देश में शराब पर बैन लगाने की मांग करते है। हम कथित तौर पर आतंकी संगठन आईएस से संपर्क रखने के आरोप में युवाओं को गिरफ्तार किए जाने की कड़ी निंदा करती है।