लखनऊ  :शिया  धर्मगुरू शेख बाकरि उन नम्र और उनके तीन सहयोगियों को सऊदी अरब सरकार द्वारा अनुचित तरीके से फांसी दिए जाने की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए मजलिसे उलमाये हिन्द के महासचिव मौलाना सैयद कल्बे जवाद नकवी ने कहा कि इस्लामी हुकुमत का दावा करने वाली सऊदी सरकार का असली चेहरा दुनिया के सामने आ चुका है। इस सरकार ने एकता के प्रतीक और विद्वान आलिम को भी नहीं बख्शा । सऊदी सरकार में अल्पसंख्यकों के अधिकारों के लिए और अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाना कितना बड़ा अपराध है यह अब साबित हो गया है। यह गैर इस्लामी सरकार कैसे अपने नागरिकों के अधिकारों का हनन करती है और कैसे अल्पसंख्यकों की बेरहमी से हत्या की जाती है दुनिया देख रही है लेकिन अफसोस मानव अधिकारों की रक्षक संस्थायें मूकदर्शक बनी हैं।

मौलाना ने कहा कि सऊदी सरकार साम्राज्यवादी व बडी जालिम शक्तियों की गुलाम है , एक अमेरिकन के मारे जाने पर पूरी मुस्लिम दुनिया से फतवे आते हैं और निंदा मै बयान जारी होते हैं मगर शियों के नरसंहार और उलेमा की फांसी पर सब चुप हैं यह निंदनीय है ।जिस देश में खुलेआम इस्लामी कानूनों का ठट्ठा किया जाता हो वहांॅ उलमा का सम्मान कैसे हो सकता हे।शेखबाकरि उन नम्र की शहादत सऊदी अरब के पतन की शुरुआत है ,शहीदों का बलिदान कभी बेकार नहीं जाता है ,मौलाना ने कहा कि जिस तरह वैश्विक स्तर पर शियों का कत्लेआम जारी है और दुनिया चुप है यह दुखद है। मौलाना ने मजलिसे उलमाये हिन्द की तरफ से अपील की है कि हर जगह सऊदी अरब तानाशाह सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किए जाएं और शेख बाकरि उन नम्र और उनके तीनों साथियों के बलिदान की बड़े पैमाने पर याद मनाई जाए ाउनकी शहादत कौम व मिल्लत के लिए किसी बडे नुक्सान से कम नहीं।

इस सिलसिले में मजलिसे उउलेमाए हिंद के कार्यालय में विरोध सभा आयोजित हुयी जिसमें मौलाना निसार अहमद जेन पूरी, डॉक्टर हैदर महदी और शबाब हैदर के अलावा अन्य कार्यालय के सदस्यों ने भाग लिया।

मजलिसे उलमाये हिन्द की तरफ से शेख बाकरि उन नम्र और उनके तीनों साथियों की फांसी के खिलाफ 4 जनवरी को दिन में 2 बजे दरगाह हजरत अब्बास पर विरोध प्रदर्शन होगा ।