लखनऊ: सरकारी स्कूल के अपर प्राइमरी एवं उच्च प्राइमरी का स्थान बहुत ऊँचा है। इन्हीं में पढ़कर बच्चे ऊंचे मकाम को हासिल करते हैं। अध्यापकों को यह अवसर बड़े ही सौभाग्य से प्राप्त होता है कि उनके पढ़ाये हुए बच्चे भविष्य में कुछ बनें और देश व प्रदेश का नाम रौशन करें। 

यह उद्गार राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एस0सी0ई0आर0टी0), उत्तर प्रदेश, लखनऊ के सभाकक्ष में बेसिक शिक्षा मंत्री अहमद हसन द्वारा जिला शिक्षा और प्रशिक्षण संस्थानों (डायट्स) के प्राचार्य तथा एस0सी0ई0आर0टी0 की विभिन्न इकाइयों की  आयोजित बैठक में व्यक्त किए गये।  इस बैठक में वर्ष 2015-16 में हो रहे कार्यों की समीक्षा की गयी तथा वर्ष 2016-17 के लिए प्राथमिकताओं तथा कार्यक्रमों की तैयारी पर विचार-विमर्श किया गया।

बेसिक शिक्षा मंत्री ने डायट प्राचार्यो को संबोधित करते हुए कहा कि आपको शिक्षा में काम करने का एक सुअवसर प्राप्त हुआ तो अच्छे काम करिये। उन्होने डायट प्राचार्यों को अच्छे कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया गया और सेवापूर्व प्रशिक्षण तथा सेवारत प्रशिक्षण में शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित करने तथा मूल्यांकन प्रक्रिया के बारे में पुनर्विचार करने की अपेक्षा की। साथ ही अच्छे संकल्प के साथ आगामी वर्ष में कार्य करने की अपेक्षा की। उन्होंने कहा कि हालात बदल रहे हैं, तो सूरते-हाल बदलनी चहिए। बच्चों के सीखने का स्तर सुधारिये, जिससे अभिभावकों का रूझान सरकारी स्कूलों के प्रति बढ़े। जिन जनपदों में छात्र नामांकन घटेगा, उनके जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को इसके लिए उत्तरदायी माना जायेगा।

राज्य मंत्री बेसिक शिक्षा कैलाश चौरसिया द्वारा विशेष रूप से विद्यालयों में पठन-पाठन के निरीक्षण की व्यवस्था तथा अच्छे अध्यापकों को पुरस्कृत करने की व्यवस्था जनपद स्तर पर किये जाने की अपेक्षा की गयी।

सचिव, बेसिक शिक्षा श्री आशीष कुमार गोयल ने डायट्स के अकादमिक दायित्वों को प्राथमिक शिक्षा की गुणवत्ता विकास में उत्तरदायी मानते हुए, प्रत्येक डायट को अपना एक ‘‘विज़न’’ तैयार करने, शोध कार्य करने, शोध कार्यों के मूल्यांकन व शोध कार्य करने वाले अच्छे शोधकर्ताओं को पुरस्कृत करने तथा भविष्य के लिए शोध कार्यों के लिए डायट्स को आगे आने के लिए प्रोत्साहित किया गया। 

छात्र-छात्राओं के मूल्यांकन के सम्बन्ध में सचिव द्वारा एस0सी0ई0आर0टी0 एवं उसकी इकाइयों को माॅडल टेस्ट पेपर तैयार करने तथा एस0एम0सी0 के सदस्यों की देख-रेख में परीक्षाएँ संपादित करने व उन्हंे बच्चों से साझा करने, अच्छे बच्चों को पुरस्कृत करने एवं डायट्स की ग्रेडिंग की व्यवस्था किये जाने के निर्देश दिये गये। 

बैठक में डाॅ0 सर्वेन्द्र विक्रम बहादुर सिंह निदेशक, एस0सी0ई0आर0टी0 तथा दिनेश बाबू शर्मा शिक्षा निदेशक (बेसिक) के अलावा अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।