नई दिल्ली। कीर्ति आजाद को निलंबित किए जाने के बाद भारतीय जनता पार्टी में सियासी घमासान तेज हो गया है। गुरुवार को पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के बीच मुलाकात का सिलसिला शुरू हो गया। लाल कृष्ण आडवाणी मुरली मनोहर जोशी के घर पहुंचे, जहां यशवंत सिन्हा और शांता कुमार भी मौजूद थे। माना जा रहा है कि कीर्ति को निलंबित किए जाने के मुद्दे पर चारों दिग्गज नेताओं के बीच बातचीत हुई।

सूत्रों के मुताबिक पार्टी के मार्गदर्शक मंडल में शामिल आडवाणी और जोशी के साथ-साथ ये नेता भी चाहते हैं कि जेटली के खिलाफ डीडीसीए को लेकर लगे आरोपों की जांच कराई जाए। डीडीसीए में कथित गड़बडय़िों को लेकर कीर्ति लंबे समय से आवाज उठाते रहे हैं। पिछले दिनों भी कीर्ति आजाद ने प्रेस कांफ्रेंस कर ये मांग दोहराई थी।

उसके बाद बुधवार को पार्टी ने उन्हें निलंबित कर दिया। भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने खुले तौर पर कीर्ति का समर्थन किया। पिछले दिनों दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया था कि 1999 से लेकर 2013 तक वित्त मंत्री अरुण जेटली डीडीसीए के अध्यक्ष थे और उनके कार्यकाल के दौरान काफी अनियमिताएं और भ्रष्टाचार हुआ। कीर्ति ने इसके बाद डीडीसीए में गड़बडिय़ों को लेकर कई खुलासे किए थे।

सूत्रों से जानकारी मिली है कि बीजेपी के ये वरिष्ठ नेता अरुण जेटली के मामले में जांच चाहते हैं। वो चाहते हैं कि अरुण जेटली के खिलाफ जांच कमिशन को नियुक्त किया जाए। माना जा रहा है कि जेटली के खिलाफ जांच बिठाई जा सकती है। बीजेपी के मार्गदर्शक मंडल के सदस्य मिलकर आगे की रणनीति तय करेंगे। निलंबन के बाद कीर्ति आजाद ने पार्टी के मार्गदशक मंडल से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की थी। उन्होंने कहा कि मार्गदर्शक मंडल और वरिष्ठ नेताओं को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए।

कीर्ति ने पीएम नरेंद्र मोदी से अपने निलंबन की वजह पूछी है। उन्होंने कहा कि मैं पीएम नरेंद्र मोदी से कहना चाहता हूं कि वे सामने आकर सामने आकर बताएं कि मेरा कसूर क्या है। मैं जानना चाहता हूं कि क्या मुझे इसलिए निलंबित किया गया है कि मैंने डीडीसीए में भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई है। क्या मुझे इसलिए निलंबित किया गया है कि मैंने बीसीसीआई में भी भ्रष्टाचार के अन्य मामलों में आवाज उठाई थी। मैं उचित जवाब चाहता हूं। पार्टी को साफ करना चाहिए कि मैंने किनके साथ सांठ-गांठ की है।