बेरूत: एमनेस्टी इंटरनेशनल ने आज कहा है कि रूसी हवाई हमलों में सीरिया के सैंकड़ों नागरिक मारे गए हैं और इनमें से कई हमले ऐसे रहे हैं, जो कि युद्ध अपराधों के दायरे में आ सकते हैं। ये हमले आज से लगभग तीन माह पहले शुरू हुए थे।
मध्यपूर्व एवं उत्तरी अफ्रीका में एमनेस्टी के निदेशक फिलिप लूथर ने एक बयान में कहा कि आवासीय इलाकों पर भी हमले बोले गए, जहां सैन्य ठिकाने का कोई साक्ष्य था ही नहीं। चिकित्सीय प्रतिष्ठानों पर भी हमले किए गए। इस तरह से नागरिकों और नागरिकों से जुड़ी चीजों को सीधे तौर पर निशाना बनाए जाने के संकेत मिलते हैं। इन हमलों के कारण नागरिक घायल हुए और उनकी मौतें हुईं।
उन्होंने कहा, ‘इस तरह के हमले युद्ध अपराधों की श्रेणी में आ सकते हैं।’ उन्होंने यह भी कहा कि इन संदिग्ध उल्लंघनों की जांच स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से कराई जानी जरूरी है। मानवाधिकार समूह ने कहा कि इस बात के साक्ष्य हैं, जो दर्शाते हैं कि रूसी अधिकारियों ने मस्जिद पर किए गए एक हवाई हमले में और एक अस्थायी अस्पताल पर किए गए अन्य हमले के कारण हुए नागरिकों से जुड़े नुकसान को छिपाने के लिए झूठ बोला होगा। इस बात के भी साक्ष्य हैं, जो यह दर्शाते हैं कि रूस ने सघन आवासीय इलाकों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिबंधित युद्ध सामग्री और अंधाधुंध बमों का इस्तेमाल किया।
समूह ने कहा कि इस रिपोर्ट में होम्स, इदलिब और अलेप्पो प्रांतों पर सितंबर और नवंबर के बीच हुए हमलों को मुख्य रूप से ध्यान में रखा गया। इन हमलों में कम से कम 200 नागरिक और लगभग एक दर्जन लड़ाके मारे गए थे।
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