लखनऊ: उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने आज किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के दीक्षान्त समारोह में प्रो0 धावेन्द्र कुमार को मानद उपाधि से सम्मानित किया। दीक्षान्त समारोह में उत्कृष्ट स्थान प्राप्त करने के लिए छात्र-छात्राओं को स्वर्ण पदक एवं अवार्ड दिये गये। राज्यपाल द्वारा दीक्षान्त समारोह में कु0 वत्सला कटियार, श्री अनन्य गुप्ता, कु0 सुशान्तिका, कु0 इशरत सिद्दीकी, कु0 दीपशिखा त्रिपाठी, कु0 सोनम खोखर, डाॅ0 शिखा गौतम, डाॅ0 स्वाति वर्मा, डाॅ0 सौरभ कुमार सिन्हा, डाॅ0 तारिषि निमानी, डाॅ0 प्रद्योत तिवारी, डाॅ0 अमित कुमार श्रीवास्तव, डाॅ0 बृजेश प्रताप सिंह, डाॅ0 मुकेश शुक्ला,    डाॅ0 अरिशा आलम, डाॅ0 विनोद कुमार, डाॅ0 पल्लवी आरवाल, डाॅ0 गुंजन,   डाॅ0 राकेश कुमार मिश्रा, डाॅ0 ईशा सज्जनहार, डाॅ0 प्रेमशंकर, डाॅ0 राहुल गुप्ता, डाॅ0 नीलेश जैन, डाॅ0 निशान्त वर्मा, सुश्री सुवीरा डेविड को स्वर्ण पदक एवं अन्य पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। समारोह में एम0बी0बी0एस0, बी0डी0एस0, डिप्लोमा, एम0एस0, एम0डी0, एम0डी0एस0, डी0एम0, एम0सी0एच0, पीएच0डी0 तथा नर्सिंग की उपाधि वितरित की गयी।

राज्यपाल ने इस अवसर पर अपनी ओर से उपाधि प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को शुभकामना देते हुए कहा कि मानव की पीड़ा समझने की शक्ति चिकित्सकों में होती है। चिकित्सक का मृदुल स्वभाव मरीज के लिए महत्वपूर्ण होता है। आज भी देश की 60 प्रतिशत आबादी गाँव में रहती है।  सप्ताह में कम से कम एक दिन हमारे चिकित्सक ग्रामीण क्षेत्र के रोगियों तक पहुँचने की कोशिश करें। चिकित्सा का व्यवसाय दूसरों की समस्या का समाधान कर सकता है। जीवन में नैतिकता को महत्व दें। जीवन में केवल पैसा कमाना ध्येय नहीं होना चाहिए। रोगी सेवा के समय चिकित्सक उस शपथ को न भूलें जो उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी करने पर ली थी। उन्होंने कहा कि चिकित्सकों का पेशा परोपकार से जुड़ा है।

श्री नाईक ने कहा कि औपचारिक शिक्षा समाप्त होने के बाद भी सीखने की प्रक्रिया समाप्त नहीं होती है। मनुष्य अपने जीवन में निरन्तर सीखता रहता है। देश में कई बार लोग महिला सशक्तिकरण करने की बात करते हैं। लड़कियाँ स्वाभाविक रूप से ज्यादा मेहनत करती हैं। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि 107 पुरस्कारों में से 75 पुरस्कार छात्राओं को मिले हैं। उन्होंने कहा कि छात्र भी पढ़ाई में कड़ी मेहनत करें। राज्यपाल ने उपाधि प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को सफलता के चार मंत्र बताते हुए कहा कि उनके स्वयं के सफल जीवन में इन चार मंत्रों का बहुत महत्व है। उन्होंने यह भी कहा कि सार्थक जीवन बनायें तो परिवार, शिक्षण संस्थान, प्रदेश एवं देश के लिए अभिमान की बात होगी।

चिकित्सा शिक्षा राज्यमंत्री श्री राधेश्याम ने स्वर्ण पदक एवं उपाधि प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को अपना आर्शीवाद देते हुए कहा कि अपने जीवन में बड़ा लक्ष्य बनायें। उन्होंने कहा कि बडे़ लक्ष्य से ही बड़ा स्थान प्राप्त हो सकता है।

राज्यपाल ने दीक्षान्त समारोह में किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय पर आधारित एक काफी टेबल बुक का विमोचन किया तथा सर्जरी पर आधारित डाॅ0 टी0सी0 गोयल तथा डाॅ0 अतुल गोयल द्वारा लिखित पुस्तक का भी लोकार्पण किया। समारोह में कुलपति प्रो0 रविकांत ने स्वागत उद्बोधन दिया।