इस्लामाबाद। पाकिस्तान की पूर्व विदेश मंत्री हिना रब्बानी ने माना कि देश की राजनीति में सेना की बड़ी भूमिका रहती है और लोकतांत्रिक तरीके से निर्वाचित प्रधानमंत्री को अपेक्षाकृत काफी कम स्वतंत्रता रहती है। पाकिस्तान की पहली महिला विदेश मंत्री ने यह टिप्पणी एक समाचार चैनल पर की। उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब सेना ज्यादा ताकतवर और निश्चयात्मक स्थिति में होती दिख रही है।
उन्होंने कश्मीर मुद्दे पर कहा कि उन्हें काफी खुशी होगी यदि कश्मीरियों को पाकिस्तान या भारत में से किसी एक देश को चुनने या फिर स्वतंत्र रूप से राज्य मिले। ओसामा बिन लादेन के पाकिस्तान में होने के सवाल के बारे में हीना ने स्वीकार किया कि यह पाकिस्तान की कमजोरी थी। हालांकि उन्होंने इसमें पूर्ववर्ती सरकार की सहमति से इनकार किया। उन्होंने कहाकि हमें लादेन के पाकिस्तान में होने के बारे में पता नहीं था। पूर्व रक्षा मंत्री चौधरी अहमद मुख्तार के बयान पर उन्होंने कहाकि मुख्तार को पाकिस्तान की विदेश और रक्षा नीति के बारे में जानकारी नहीं है।
गौरतलब है कि चौधरी अहमद मुख्तार ने कहा था कि उनकी सरकार को पता था कि लादेन पाकिस्तान में छुपा हुआ है। वे दो बार पाकिस्तान सरकार में मंत्री रह चुके हैं और जरदारी के करीबी माने जाते हैं। पाकिस्तान द्वारा आतंकी संगठनों को मदद के सवाल पर हीना रब्बान खार ने कहाकि यह आरोप गलत है। पाकिस्तान में इतनी ताकत ही नहीं थी कि वह अपनी सीमाओं में भी किसी आतंकी संगठन की मदद कर सके।
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