लखनऊ: उ0प्र0 सरकार 18 दिसम्बर को अल्पसंख्यक अधिकार दिवस मनाने जा रही है, जो कि अल्पसंख्यकों के साथ मात्र एक छलावा है। विगत विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने अपने घोषणापत्र में अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए जो वादे किये गये थे, उस पर खरी नहीं उतरी है। 

उ0प्र0 कंाग्रेस कमेटी के अल्पसंख्यक विभाग के चेयरमैन एवं पूर्व एम.एल.सी. सिराज मेंहदी ने आज जारी बयान में कहा कि समाजवादी पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में अल्पसंख्यकों को 18 प्रतिशत आरक्षण देने का वादा किया था किन्तु साढ़े तीन साल बीत जाने के बाद भी यह वादा अभी तक पूरा नहीं हुआ। इतना ही नहीं अल्पसंख्यक समुदाय के जेलों में बंद बेगुनाह लोगों की जांच कराकर जेल से रिहा कराने का वादा भी कोरा साबित हुआ है। शासन एवं जिलों में प्रमुख पदों पर अल्पसंख्यक अधिकारियों व कर्मचारियेां की संख्या नगण्य है एक ही विशेष समुदाय का सिर्फ बोलबाला है जो जगजाहिर है। अल्पसंख्यकों की शिक्षा पर भी राज्य सरकार का कोई ध्यान नहीं है। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के मंत्री मो0 अली जौहर विश्वविद्यालय की स्थापना कर अल्पसंख्यकों के कल्याण की इतिश्री कर ली है, जिसे वह खुद की मिल्कियत समझते हैं जिसके निर्माण में सरकारी धन लगा हुआ है। 

श्री मेंहदी ने सर्वोच्च न्यायालय द्वारा प्रदेश में लोकायुक्त नियुक्त किये जाने का स्वागत करते हुए कहा कि प्रदेश की समाजवादी पार्टी का अल्पसंख्यक विरोधी चेहरा एक बार फिर खुलकर सामने आया, जिसमें लेाकायुक्त के चयन में जिस प्रकार सर्वोच्च न्यायालय द्वारा मांगे गये पांच नामों में एक भी अल्पसंख्यक समुदाय के किसी व्यक्ति का नाम राज्य सरकार द्वारा नहीं दिया गया, यह भी मुस्लिमों के साथ घोर विश्वासघात है। प्रदेश सरकार अल्पसंख्यक अधिकार दिवस मनाकर एक बार फिर प्रदेश के अल्पसंख्यकों को गुमराह करने का कार्य कर रही है। प्रदेश का अल्पसंख्यक समुदाय समाजवादी पार्टी के हथकण्डे को पूरी तरह समझ चुकी है अब वह इनके बहकावे में आने वाली नहीं है।