वॉशिंगटन: अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने करीब सात सालों की रिकॉर्ड गिरावट के बाद ब्याज दरों में इजाफा किया है। लेकिन इससे संकेत मिल रहे हैं कि अर्थव्यवस्था के और मजबूत होने और मुद्रास्फीति में बढ़ोत्तरी से भविष्य में ब्याज दरों में इजाफे काफी धीमी रफ्तार से होने की संभावना है।

फेडरल रिजर्व ने अपनी प्रमुख दर में 0.25 फीसदी का इजाफा कर इसे 0.5 फीसदी कर दिया है। इससे पहले करीब सात साल तक यह दर शून्य के करीब थी, जिसकी शुरुआत 2008 के वित्तीय संकट के समय हुई थी। दर में किए गए इस इजाफे से उपभोक्ताओं और व्यापारिक संस्थाओं को कुछ कर्ज पर थोड़ी ज्यादा दरें चुकानी पड़ सकती हैं।

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने पिछले शुक्रवार को ही कहा था कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व अगले सप्ताह अपनी प्रमुख ब्याज दरों वृद्धि कर सकता है। उन्होंने यह भी कहा था कि हम फेडरल रिजर्व के इस फैसले से उत्पन्न किसी भी स्थिति से निपटने को तैयार हैं। राजन ने कहा था, ‘फेड ने जमीन तैयार कर दी है और हमें लग रहा है कि वह नीतिगत ब्याज दर में 0.01 प्रतिशत से 0.25 प्रतिशत की वृद्धि करेगा।’ बता दें कि ब्याज दरों में वृद्धि उम्मीद से ज्यादा ही की गई है।